पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तीन नए कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने की मांग पर अड़े किसानों और केंद्र सरकार के बीच जारी तकरार के मद्देनजर 2 फरवरी को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक का मकसद केंद्र और किसानों के बीच रार समाप्त करना एवं आम सहमति बनाना है। आधिकारिक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया कि यह बैठक पंजाब भवन में सुबह 11 बजे आयोजित होगी। गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की हिंसक ट्रैक्टर रैली और सिंघु बॉर्डर पर किसानों पर हुए हमले के बाद उत्पन्न स्थिति पर भी इस बैठक में चर्चा होगी।
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मुख्यमंत्री ने पंजाब के हित में और किसानों के समर्थन में एकजुटता दिखाने के लिए सभी पार्टियों से इस बैठक में शामिल होने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के कारण जो संकट उभरा है, वह न केवल पंजाब के लिए बल्कि यहां की जनता के लिए भी चिंता का सबब है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की जनता और प्रदेश की सभी पार्टियों के समेकित प्रयासों से ही इस संकट से प्रभावी ढंग से निपटा जा सकता है और किसानों के हितों की रक्षा की जा सकती है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत दो महीने से दिल्ली बॉर्डर पर हमारे किसान मर रहे हैं। पुलिस और गुंडे उनकी पिटाई कर रहे हैं। बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित करके उन्हें परेशान कियाा जा रहा है। इसके कारण बड़ी संख्या में पंजाब के किसान हलकान हो रहे हैं। इसलिए अब यह जरूरी है कि इस मुद्दे पर एक प्रभावी रणनीति बनाने के लिए सभी पार्टियां साथ आएं।
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मुख्यमंत्री ने इस बात की उम्मीद जताई कि प्रदेश के राजनीतिक दल इस मुद्दे के समाधान के लिए अपने मतभेदों को दरकिनार करेंगे। उन्होंने कहा कि यह समय अहम पालने का नहीं, अपने प्रदेश और जनता के हितों की रक्षा के लिए साथ खड़े होने का है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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