पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को अमृतसर में गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में भगत कबीर चेयर और जालंधर में भगत कबीर भवन के विकास के लिए 10 करोड़ रुपये की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने भगत कबीर जी जयंती के अवसर पर यह भी घोषणा की कि उनकी सरकार भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को ऋण माफी योजना के तहत जल्द ही 560 करोड़ रुपये वितरित करेगी।
मुख्यमंत्री ने 15वीं सदी के रहस्यवादी कवि और संत भगत कबीर को नमन करते हुए कहा कि संत कबीर की स्मृति में चेयर महान रहस्यवादी कवि के जीवन और दर्शन पर शोध करेगी।उन्होंने कहा कि भगत कबीर भवन 0.77 एकड़ क्षेत्र में बनाया जाएगा, जिसमें से 13,000 वर्ग फुट में 500 लोगों के बैठने की क्षमता वाला एक सामुदायिक हॉल होगा। उन्होंने कहा कि 10 करोड़ रुपये में से 3 करोड़ रुपये निर्माण पर और 7 करोड़ रुपये जमीन की लागत पर खर्च किए जाएंगे।
पंजाब के लोगों के साथ राज्य स्तरीय समारोहों में संत भगत कबीर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें उनकी शिक्षाओं का ईमानदारी से पालन करने का आह्वान किया ताकि जाति, रंग, पंथ और धर्म के संकीर्ण विचारों से ऊपर उठकर एक समतावादी समाज का निर्माण किया जा सके। मुख्यमंत्री ने अपनी बानी में निहित प्रेम, शांति, सद्भाव के शाश्वत संदेश का हवाला देते हुए भगत कबीर जी के जीवन और शिक्षाओं के बारे में बात की, जो गुरु ग्रंथ साहिब का हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने भगत कबीर के दर्शन के अनुरूप अपनी सरकार द्वारा चलाई जा रही वंचितों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को सूचीबद्ध किया।
पोस्ट मैट्रिक एससी छात्रवृत्ति योजना का उल्लेख करते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने 2020-21 के दौरान 100 प्रतिशत छात्रवृत्ति राशि जारी की थी और निजी कॉलेजों के साथ लंबित भुगतान के मुद्दे को भी सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किया था। इस योजना से एकाएक वापस लेने के लिए केंद्र की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने डॉ बी.आर. अंबेडकर पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना केंद्र के फैसले से अधर में रह गए छात्रों को उबारने के लिए भारत सरकार को भी इस योजना को बहाल करने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि हालांकि राज्य ने अपने 40 फीसदी हिस्से का भुगतान कर दिया है, लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक अपना फंड जारी नहीं किया है।
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