जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। सीआरपीएफ की आंतरिक रिपोर्ट के मुताबिक, यह हमला खुफिया एजेंसियों की विफलता थी। गौरतलब है कि इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। सीआरपीएफ की आतंरिक रिपोर्ट के अनुसार, आईईडी हमले को लेकर सामान्य चेतावनी जारी की गई थी, लेकिन कार से फिदायीन हमले को लेकर कोई खास खतरा नहीं बताया गया था। रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि घाटी में किसी भी खुफिया एजेंसी द्वारा इस तरह का इनपुट को साझा नहीं किया गया था। इसके अलावा रिपोर्ट में काफिले की असामान्य लंबाई समेत कई खामियां बताई गई हैं। कहा गया है कि काफिले को दूर से ही पहचानना आसान था और सूचना भी आसानी से लीक हो गई थी।
Published: 04 Sep 2019, 10:48 AM IST
गौर करने वाली बात यह है कि सीआरपीएफ की यह रिपोर्ट गृह मंत्रालय के बयान के ठीक उलट है। पुलवामा हमले के बाद मोदी सरकार पर सवाल खड़े किए गए थे, और खुफिया एंजिसोंयों की नाकामी की बात सामने आई थी। इसके बाद गृह मंत्रालय ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि पुलवामा आतंकी हमला खुफिया एजेंसियों की विफलता नहीं थी।
Published: 04 Sep 2019, 10:48 AM IST
गौरतलब है कि इसी साल 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था। जम्मू के ट्रांजिट शिविर से सीआरपीएफ के 78 बसों का काफिला श्रीनगर जा रहा था। इन बसों में ढाई हजार से ज्यादा जवान सवार थे। सीआरपीएफ का काफिला पुलवामा श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग से गुजर रहा था, इसी दौरान आत्मघाती हमलवार ने अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी कार से सीधे सीआरपीएफ की बस में टक्कर मार दी थी। हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।
Published: 04 Sep 2019, 10:48 AM IST
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Published: 04 Sep 2019, 10:48 AM IST