अमेरिका में एक बार फिर पुलिस ने जॉर्ज फ्लायड के साथ की गई बर्बरता को दोहराया है। इस बार पुलिसकर्मियों की जानलेवा कार्रवाई का शिकार न्यूयॉर्क में एक भारतीय मूल का शख्स हुआ है। राहत की बात है कि बाद में इस शख्स को पुलिस अस्पताल ले गई, जिससे वह बच गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों में भारी गुस्सा है और एक बार फिर देश भर में पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
घटना न्यूयॉर्क की है, जहां सोमवार को स्केनेक्टडी शहर में युगेश्वर गैंदरपरसौद की गिरफ्तारी के दौरान उसके गले को घुटने से दबाते एक पुलिसकर्मी के वीडियो ने 25 मई को मिनियोपोलिस में जॉर्ज फ्लॉयड के साथ हुई घटना की याद दिला दी। हालांकि, इस घटना में युगेश्वर को उनकी गिरफ्तारी के बाद अस्पताल ले जाया गया और वे बच गए।
इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद देश भर में पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। बाद में युगेश्वर गैंदरपरसौद ने भी स्केनेक्टडी पुलिस मुख्यालय के बाहर लगभग 100 लोगों के साथ एक विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। मीडिया खबरों के अनुसार, विरोध के दौरान पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के डेमोक्रेटिक सदस्य पॉल टोनको ने भी कहा, "मैं स्केनेक्टडी के एक पुलिस अधिकारी की इस हिंसा को देखकर क्रोधित और हतप्रभ हूं।"
वहीं, इस घटना पर शहर के पुलिस प्रमुख एरिक क्लिफोर्ड ने एक बयान में कहा कि ऐसी शिकायतें आई थीं कि युगेश्वर ने एक कार के टायर को काट दिया था और जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की तो उसने विरोध किया। उन्होंने कहा कि उसके गले को पकड़ने का प्रयास केवल उसे नियंत्रित करने के लिए किया गया था। इतना ही नहीं, बाद में वह गाड़ी तक चलकर आने में सक्षम भी था।
हालांकि, युगेश्वर ने डेली गैजेट को बताया कि जब उसे गाड़ी में बैठाया गया तो वह बेहोश था और उसे अस्पताल में जाकर होश आया। पुलिस प्रमुख क्लिफोर्ड ने कहा है कि इस मामले में आंतरिक जांच का आदेश दे दिया गया है।
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