विरोध की आवाज बुलंद करने के लिए पूरी दुनिया में चर्चित हो चुके दिल्ली के शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ धरने पर बैठी महिलाओं ने बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय को मानहानि का नोटिस भेजा है। इस कानूनी नोटिस में मालवीय से तत्काल माफी मांगने और बतौर हर्जाना एक करोड़ रुपये देने की मांग की गई है।
शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों के कानूनी सलाहकार और सीनियर वकील महमूद पारचा द्वारा अमित मालवीय को ये नोटिस नफीसा बानो और शहज़ाद फातमा नाम की दो प्रदर्शनकारी महिलाओं की ओर से भेजा गया है। नोटिस में कहा गया है, “आपने प्रदर्शनकारी महिलाओं के खिलाफ झूठे आरोप लगाकर और उनको प्रचारित करके अपने संवैधानिक अधिकारों के तहत लोगों का ध्यान खींच रहे प्रदर्शनकारियों का अपमान किया है।”
नोटिस में आगे कहा गया है कि आपके द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो, जिसमें आरोप लगाया गया है कि प्रदर्शनकारी महिलाएं प्रदर्शन में शामिल होने के लिए प्रतिदिन 500-700 रुपये ले रही हैं, केवल झूठ ही नहीं है, बल्कि इससे प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के बीच बदनाम किया गया है। प्रदर्शनकारी महिलाएं इस बात से नाराज हैं कि उन पर पैसे लेकर प्रदर्शन में शामिल होने के आरोप लगाए जा रहे हैं।
यहां गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ राजधानी के ओखला इलाके में स्थित शाहीन बाग में पिछले 36 दिन से बड़ी संख्या में महिलाओं के नेतृत्व में बड़ा प्रदर्शन जारी है। लेकिन कुछ दिन पहले बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया था कि इस विरोध-प्रदर्सन में शामिल होने के लिए महिलाओं को 500-700 रुपये प्रतिदिन दिए जा रहे हैं।
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