झारखंड के सरायकेला जिले में पिछले दिनों मॉब लिंचिंग में मारे गए तबरेज अंसारी की हत्या के खिलाफ बुधवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। इससे पहले बुधवार को ही राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन किया गया। धरना में कई संगठनों के अलावा कांग्रेस, जेवीएम, आरजेडी, जेएमएम और वामदल के कई नेताओं ने भी हिस्सा लिया। सभी ने तबरेज अंसारी हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग की।
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दूसरी ओर राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि मॉब लिंचिंग की घटनाएं गलत हैं लेकिन इसके लिए दोष पूरे झारखंड को न दिया जाए। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि दोषियों के साथ न्यायिक प्रक्रिया के साथ जो भी किया जा सके, वह किया जाना चाहिए। लेकिन इसके लिए पूरे झारखंड के लोगों को दोषी मान लेना गलत होगा।
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पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि युवक की हत्या का दुख मुझे भी है और सबको होना चाहिए। दोषियों को सजा होनी चाहिए, लेकिन इसके बिनाह पर एक राज्य को दोषी बताना क्या हमें शोभा देता है। फिर तो हमें वहां अच्छा करने वाले लोग ही नहीं मिलेंगे। उन्होंने आगे कहा कि ऐसी हत्याओं के लिए बिना किसी भेदभाव के देश का एक ही मत होना चाहिए।
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इससे पहले राज्यसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद समेत अन्य विपक्षी दलों ने इस मामले को उठाते हुए इस घटना की निंदा की थी।
वहीं मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मॉब लिंचिंग की घटना को लेकर ट्वीट कर कहा था, “झारखंड में इस युवा की भीड़ द्वारा की गई हत्या मानवता पर लगा धब्बा है। पुलिस ने क्रूरता दिखाते हुए मरते हुए युवक को चार दिनों तक हिरासत में रखा। यह उतना ही हैरान करने वाला है, जितनी बीजेपी शासित केंद्र और राज्य सरकारों की ताकतवर आवाजों की चुप्पी।”
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बता दें कि बीते दिनों झारखंड के सरायकेला जिले के धातकीडीह गांव में बाइक चुराने के आरोप में 22 वर्षीय तबरेज अंसारी की भीड़ ने बेरहमी से पिटाई की थी। आरोपियों ने पीड़ित व्यक्ति को जय श्री राम का नारा लगाने के लिए भी बाध्य किया था।
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घटना में मृतक तबरेज के परिवार वालों ने धात की डीह गांव के पप्पू मंडल और अन्य के विरुद्ध लिंचिंग करने की शिकायत दर्ज कराई गई थी। 22 जून को ही पप्पू मंडल को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। इसके अगले ही दिन 23 जून को सरायकेला के पुलिस अधीक्षक ने इस मामले की विस्तृत जांच की थी और घटना पर लापरवाही बरतने के कारण चंद्रमोहन उरांव और विपिन बिहारी सिंह को निलंबित कर दिया गया था। 24 जून को बाकी लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
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