सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को अहम फैसले में कहा है कि संसद मार्ग की परिधि में जंतर मंतर और राजपथ पर बोट क्लब जैसे स्थानों पर धरने और विरोध प्रदर्शनों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लग सकता। न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने विरोध और सुरक्षा संबंधी महत्व के बीच संतुलन की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस को इन दोनों स्थानों पर विरोध को नियंत्रित करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करना होगा।
जल्द ही दिशानिर्देश तैयार करने का निर्देश देते हुए पीठ ने इसका भी उल्लेख किया कि विरोध प्रदर्शन या प्रदर्शन आयोजित करने के लिए पुलिस अनुमति की आवश्यकता होती है।
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एनजीओ 'मजदूर किसान शक्ति संगठन' और भूतपूर्व भारतीय सैनिकों के आंदोलन और अन्य ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर एनजीटी के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें एनजीटी ने इन स्थानों पर धरना प्रदर्शनों पर रोक लगा दी थी।
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