गुरुवार शाम को तहसीलदार ऑफिस में घुसकर सरकारी कर्मचारी की हत्या ने एक बार फिर से कश्मीरी पंडितों की चिंताओं को बढ़ा दिया है। राहुल भट की हत्या के खिलाफ विभिन्न स्थानों पर कश्मीर पंडितों ने विरोध प्रदर्शन किया। बडगाम में राहुल भट्ट की हत्या के बाद अनंतनाग में कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी संघ द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शन कर रहे अमित ने बताया, "पिछले 3 महीने में ये हमारे समुदाय में तीसरी हत्या है। हमें सरकार से सुरक्षा चाहिए।"
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इससे पहले गुरुवार को प्रदर्शनकारी कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारियों ने अनंतनाग जिले में वेसु प्रवासी कॉलोनी के बाहर श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग को जाम कर दिया था। उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए मोमबत्तियां जलाईं थी।
काम के घंटों के दौरान एक सरकारी कार्यालय में राहुल भट की दिनदहाड़े हत्या से क्षुब्ध एक प्रदर्शनकारी ने कहा था, "अगर पुनर्वास में जान खर्च होती है, तो हम इस्तीफा देना पसंद करेंगे और हमेशा के लिए कश्मीर छोड़ देंगे।"
उन्होंने कहा था, "उग्रवादी हमें निशाना बना रहे हैं। उन्हें (उग्रवादियों) को भी अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए। अगर वे हम सभी को मारना चाहते हैं, तो उन्हें हमें स्पष्ट रूप से बताना चाहिए। लेकिन तथ्य यह है कि सरकार हमारी रक्षा करने में विफल रही है।"
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आईजीपी (कश्मीर) विजय कुमार ने मारे गए कर्मचारी के सहयोगियों के साथ सहानुभूति व्यक्त करने के लिए शेखपोरा बडगाम का दौरा किया। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने जोर देकर कहा कि उन्हें संभागीय आयुक्त को मौके पर लाना चाहिए। कई प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि चदूरा स्थित तहसील कार्यालय में राहुल भट की हत्या सुरक्षा में एक बड़ी चूक है।
केपी प्रवासी कॉलोनी के बाहर पुलवामा-शोपियां राजमार्ग पर एक और विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारी चिल्लाए : "फेल है, फेल है, प्रशासन फेल है।"
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