दिल्ली सरकार ने दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेज का अंबेडकर विश्वविद्यालय में विलय करने का प्रस्ताव दिया है। इस संबंध में दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखा है। हालांकि, छात्रों के कुछ समूहों और कई छात्र संगठनों ने इस फैसले का विरोध किया है।
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दिल्ली विश्वविद्यालय के ये सभी 12 कॉलेज दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित हैं। दिल्ली सरकार का मानना है कि लंबे समय से इन कॉलेज में वित्तीय अनियमिता सामने आ रही है। यही कारण है कि अब इन कॉलेजों को दिल्ली कि राज्य स्तरीय यूनिवर्सिटी 'अंबेडकर विश्वविद्यालय' या दिल्ली स्किल एंड एंत्रप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी में शामिल करने का प्रस्ताव दिया गया है।
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दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष तुषार डेढ़ा ने कहा कि दिल्ली सरकार के 12 कॉलेज को अंबेडकर विश्वविद्यालय में विलय करने का निर्णय पूर्णत: गलत है। इस प्रस्ताव के विरुद्ध हम छात्रों के बीच एक सर्वेक्षण आयोजित करेंगे क्योंकि यह सीधे उनकी शैक्षिक यात्रा को प्रभावित करेगा। आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा उचित प्रक्रिया की अवहेलना चिंताजनक है।
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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी दिल्ली सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध किया है। अभाविप का मानना है कि इस प्रस्ताव के माध्यम से विश्वविद्यालय की संप्रभुता और स्वायत्तता समाप्त हो जाएगी। दरअसल, वर्ष 1986-94 के दौरान केन्द्र सरकार ने दिल्ली सरकार के शिक्षा बजट का उपयोग करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के तहत इन 12 कॉलेजो की स्थापना की थी।
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