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प्रियंका गांधी ने अमेठी के लोगों को याद दिलाया बरसों का रिश्ता, किशोरी लाल को जीताने की अपील की

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आज अमेठी में जनसभा को संबोधित करते हुए लोगों को अपने परिवार से बरसों के रिश्ते की याद दिलाई। साथ ही उन्होंने सेवा और समर्पण की राजनीति को क्षेत्र में वापस लाने के लिए चुनाव में किशोरी लाल शर्मा को जीताने की अपील की।

प्रियंका गांधी ने अमेठी के लोगों को याद दिलाया बरसों का रिश्ता, किशोरी लाल को जीताने की अपील की
प्रियंका गांधी ने अमेठी के लोगों को याद दिलाया बरसों का रिश्ता, किशोरी लाल को जीताने की अपील की फोटोः सोशल मीडिया

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को अमेठी में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि एक सेवा की जो परंपरा थी देश की राजनीति में, कि जनता के लिए सेवा करना नेता का धर्म होता है। वो परंपरा निभाई थी मेरे परिवार के सभी सदस्यों ने। वो परंपरा निभाई, आपकी सेवा की, इसलिए आपने भी अपना प्रेम दिया। आपने भी श्रद्धा, सम्मान दिया और आपने भी हमें हमेशा अपना समर्थन देकर मज़बूत बनाया।

प्रियंका गांधी ने कहा कि तो ये आपस का एक ऐसा रिश्ता था कि हमने आपको मज़बूत बनाया, आपने हमें मज़बूत बनाया और मेरे पिता जी के समय से जब यहां पर बहुत काम हुआ था... क्योंकि उस समय पिता जी की सरकार केंद्र में भी थी, आपके सांसद भी थे, तो बहुत काम कर पाए और आपने ही देखा कि कितनी तरक्की हुई। उसके बाद में मेरी माता जी आईं, उन्होंने काम किया, भईया आए, वो समर्पित हुए आपके लिए, उन्होंने भी बहुत काम किए। लेकिन उसके बाद एक अलग तरह की राजनीति हमारे देश में उभरी है।

प्रियंका ने कहा, पहले राजनीति का आधार सेवा होता था, समर्पण होता था, देशभक्ति होती थी... आज जो राजनीति देश में हावी है, वो सत्ता की राजनीति है... किसी भी हालत में, किसी भी तरह से सत्ता हासिल करनी है। ग़लत तरीके से विधायकों को ख़रीदकर, तमाम ग़लत चीजें करके... उस में सेवा की कम जगह रह गई है। जब यहां ये लोग आए भईया के सामने लड़ने के लिए तो एक ही मक़सद से आए... आपकी भलाई के लिए नहीं, आपको आगे बढ़ाने के लिए नहीं, आपके विकास के लिए नहीं... सिर्फ़ भईया को हराने आए और तमाम बातें आपके बीच फैलाईं कि हम आपकी ज़मीन लेना चाह रहे थे, हम आपको लूटना चाह रहे थे। पता नहीं कैसी-कैसी बातें कि हम ही चौंक जाते थे ये देखकर कि भईया, ये बातें आईं कहां से इनके दिमाग में।

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कांग्रेस नेता ने आगे कहा, लेकिन जो हुआ सो हुआ... आप सब जानते हैं कि मेरे भाई हारे यहां से। हो सकता है उस समय आप इन लोगों की बात माने, कुछ लोगों को गुमराह करने में ये सफल हुए... लेकिन पांच सालों में आपने क्या देखा है। आपने अब वो जो नई राजनीति है, इनकी जो अलग तरीके की अलग राजनीति है, उसको परखा। क्या देखा कि आपकी तरक्की नहीं हो रही है। देश भर में दस सालों से मोदी जी की सरकार है लेकिन जहां-जहां मैं जाती हूं, मैं जब जनता से पूछती हूं कि भाई, तुम्हारे जीवन में तरक्की आई कि नहीं... तो एक इंसान नहीं मिला, एक व्यक्ति नहीं मिला है मुझे जो कहे कि हाँ, मेरे जीवन में तरक्की आई है। मैं पूछती हूं रोज़गार मिला... मना करते हैं। किसान है... तो पूछती हूं कि भाई, जीवन में जो संघर्ष हैं, जो मुश्किलें हैं, वो बढ़ी हैं कि घटी हैं... हमेशा कहते हैं कि बढ़ गई हैं।

प्रियंका ने कहा, लेकिन आप टीवी चलाते हैं, आपको ऐसा दिखता है कि जाने क्या-क्या हो रहा है देश में, कि मोदी जी बहुत बड़े नेता हैं। जितना मोदी जी ने किया है दस सालों में, 70 सालों में किसी ने नहीं किया था। लेकिन वो ज़मीन पर, धरातल पर तो नहीं दिख रहा ना और अगर आपके जीवन में तरक्की नहीं आ रही है, किसान के जीवन में, ग़रीब के जीवन में, मेरी बहनों के जीवन में... तो फिर तरक्की किसके जीवन में आ रही है? 

प्रियंका ने कहा, इन दस सालों में जो बड़े-बड़े खरबपति हैं, उनकी बहुत तरक्की हुई है। उनके मोदी जी ने 16 लाख करोड़ रुपये के कर्ज़ माफ़ कर दिए, लेकिन ग़रीब किसान का एक रुपया माफ़ नहीं किया। आज खेती करते हो, खेती के सारे सामान पर जीएसटी है, महंगा हो गया है सब कुछ... आप खरीद नहीं पाते, जो खेती होती है, उससे कमाई नहीं हो रही है। आप कितनी भी मेहनत कर लो, कहीं मज़दूरी कर लो, खेती कर लो, कहीं नौकरी भी हो, फिर भी पूरी नहीं हो रही है आपकी कमाई। घर में दो-तीन लोग अगर काम कर रहे हैं, फिर भी पूरी नहीं हो रही है।

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महिलाओं को संबोधित करते हुए प्रियंका ने कहा, मेरी बहनें, आप दुकान जाती होंगी। दुकान जाती हैं कुछ ख़रीदने, तो ये सच है कि नहीं कि आधी चीज़ें छोड़कर आ जाती हैं। कहती हैं- चलो, इसकी ज्यादा ज़रूरत नहीं है, इसको बाद में ले लेंगे। अभी जो एकदम ज़रूरत है, वो चीज़ ख़रीद लेंगे। सच है कि नहीं? और आपकी सांसद जो हैं और जो बीजेपी के हैं, क्या वो चुनाव के समय आपकी अपनी ज़रूरतों के बारे में बात करते हैं आपके साथ? आपके साथ ये बात करते हैं कि भाई, महंगाई हम कैसे कम करेंगे.. कि आपके बच्चों को रोज़गार कैसे दिलवाएंगे... कि खेती किसानी में कमाई कैसे दिलवाएंगे? आपके घर आकर, बोलते हैं- भगवान के नाम पर शपथ लो कि हमें वोट दोगे... करते हैं कि नहीं? किया था ना, कसम खिलवाई थी ना आपसे भगवान के नाम?

प्रियंका ने आगे कहा, तो क्या कर रहे हैं... गुमराह कर रहे हैं आपको। भगवान के नाम पर वोट ले रहे हैं... काम के नाम पर लें। क्या काम किया है दस सालों में और आपकी सांसद ने क्या किया है आपके लिए पांच सालों में... ये बताएं। हम जब प्रचार करते थे... मुझे याद है, मैं यहाँ आती थी प्रचार करने के लिए... अपने पिता जी के लिए... हमारा प्रचार क्या होता था कि आपके गांव में हमने इंडिया मार्क 1 लगवाया है, बिजली के खंभे लग गए हैं। आप कहते थे- खंभे लगा दिए हैं, तार भी लगवाओ, नहीं तो वोट नहीं देंगे हम। कहीं सड़क होती थी, आप कहते थे- अब खड़ंजा लगवाओ। खड़ंजा लग जाता था तो आप कहते थे कि पक्का बनवाओ, है कि नहीं? और हमारा भी ये प्रचार होता था कि हमने ये सब काम किया है, आगे हम ये करना चाहते हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि तो काम की बात होती थी, इससे राजनीति में ये स्थापित हो जाता था कि नेता जनता के प्रति जवाबदेह है। बड़े से बड़े नेता आए, आपके सांसद बने, सोनिया जी थीं... राजीव जी प्रधानमंत्री थे, झुक कर आए आपके पास, आपके घरों में आए, आपने डांट भी दिया... बुरा नहीं माने, सुनी आपकी बात। आपकी कोई समस्या होती थी, उसकी सुनवाई होती थी। उस पूरे समय किशोरी लाल शर्मा जी यहां थे। अगर हम खुद नहीं आते थे, तो सुनवाई ये करते थे। हम इनसे पूछते थे कि भईया, हम उस गांव में गए थे, वहां वो महिला पूछ रही थी कि उसकी सड़क नहीं बनी, आपने बनवाई कि नहीं... वो जाते थे, बनवाते थे। हर गांव का जो-जो परिवार है, जो गांव है... गांव की समस्या सब जानते थे, क्योंकि यही पूरे क्षेत्र की देखभाल करते थे हमारे लिए... तो एक अलग तरह की राजनीति थी।

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उन्होंने आगे कहा, आज भी जहां-जहां मैं प्रचार कर रही हूं... भईया के लिए रायबरेली में कर रही हूं, किशोरी जी के लिए यहां कर रही हूं, देश भर में जहां जा रही हूं... हम फिजूल की बातें नहीं कर रहे हैं, हम आपका ध्यान भटकाने वाली बातें नहीं कर रहे हैं, हम आपसे भगवान के नाम पर कसम नहीं खिलवा रहे हैं कि आप हमें वोट देंगे। आज भगवान भी चाहेंगे कि आप जागरूक बन जाएं। हम ये कह रहे हैं- कांग्रेस पार्टी आपके लिए क्या करना चाहती है। हम झूठे वायदे नहीं करने आए हैं कि 13 रुपए किलो चीनी मिलेगी। 15 लाख रुपए आपके खातों में आ जाएंगे, किसान की आय दोगुनी हो जाएगी... कुछ नहीं हुआ। हम जहां-जहां कह रहे हैं कि हम कुछ करना चाहते हैं, वो हम करके दिखा रहे हैं। जिन प्रदेशों में हमारी सरकार है, आज भी बहनों... आज के दिन जो ग़रीब परिवार की सबसे बड़ी महिला है, उसके खाते में पैसे सरकार डाल रही है... कर्ज़ माफ़ हुए हैं किसानों के।

प्रियंका ने कहा, यहां आवारा पशु सब जगह खेती चर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार थी, इस समस्या को हल किया। कैसे हल किया... जो गौठान है, गौशाला हैं, उनको बहुत मज़बूत बनाया... सरकार ने कहा कि हम गोबर ख़रीदेंगे, तो लोगों ने जानवरों की देखभाल करना शुरू किया, क्योंकि अब गोबर ख़रीदी जा रही थी तो उससे आमदनी हो रही थी। गोबर ख़रीद कर गोबर गैस बनाकर आपके घरों में भेजा। गौशालाओं को मज़बूत बनाकर जो मिठाई, खोया... ये सब बनता है, वो बनवाया महिलाओं से... फिर वो बिकवायार। दूध भिजवाया गावों में, महिलाएं काम करने लगीं गौशालाओं में, 60 से 70 हजार रुपए की आमदनी भी हो गई महिलाओं की... पूरी समस्या हल हो गई। जानवर भी छुट्टा नहीं रहा, आवारा नहीं रहा... जो गोबर था, उसका भी इस्तेमाल हो गया, गोबर गैस बनी। दूध भी पहुंचा हर जगह, महिलाओं को भी रोज़गार मिला... क्योंकि सरकार की नीयत ठीक थी।

उन्होंने कहा, यहां मैं पांच सालों से खुद देख रही हूं... आवारा पशु खेत चर रहा है, आपका काम दोगुना हो गया है... सुबह काम करते हैं खेत में, रात को जाकर पहरेदारी करते हैं। हर खेत में जब हम जाते हैं, हम देखते हैं... मचान दि‍ख रहे हैं, जिस पर आपको पूरी रात बैठना पड़ रहा है। कोई सुनवाई नहीं है... योगी जी, मोदी जी, आपकी सांसद... कोई सुनवाई नहीं कर रहे। कट गए हैं जनता से, आपके घरों में कोई आता नहीं है, आपसे पूछता भी नहीं है कि समस्‍या क्‍या है, कार्यक्रम करते हैं तो बड़े-बड़े कार्यक्रम... दूर-दूर से दिखते हैं। ऐसा नहीं था, यहां की परंपरा ये नहीं थी... खासतौर से अमेठी, रायबरेली की... अमेठी, रायबरेली की जनता हमेशा जागरूक रही है... हमेशा।

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प्रियंका ने कहा, रायबरेली में मैं कहती हूं- आपने तो इंदिरा जी जैसी हस्‍ती को दंड दिया... जब आपको लगा कि उनकी नीति हमें पसंद नहीं है, आपने उनको भी हरा दिया। उन्‍होंने आत्‍मचिंतन किया, फिर वापस आईं तीन सालों बाद, फिर आपने जिताया... ये आपकी जागरुकता है, आपकी महानता है और ये हमारा रिश्‍ता रहा है। आज भईया आपके सांसद नहीं रहे, लेकिन आपको मालूम है कि जब कोरोना हुआ तो सबसे पहला सवाल क्‍या पूछा उन्‍होंने मुझसे... कि प्र‍ियंका, हम लोगों ने अमेठी के लोगों के लिए कुछ किया है कोरोना में... पता करो।

प्रियंका ने बताया कि उस सयम नए-नए हारे थे चुनाव यहां से। ये स्‍वभाविक होता है कि इंसान नाराज़ हो सकता है, उसको लग सकता है कि मैंने इतना किया, कोशिश की, जनता ने मुझे ठुकरा दिया... नाराज़ नहीं हुए। जब संकट आया, एकदम उन्‍होंने पूछा कि हमें कुछ करना चाहिए वहां के लिए। हमने सबको फोन किया, पता किया कि अमेठी के लोग कहां-कहां फंसे हुए हैं जब लॉकडाउन हुआ। बीजेपी की सरकार ने तो आपको भगवान भरोसे छोड़ दिया था, ट्रेन बंद हो गई थी, बस बंद हो गई थी, आने-जाने का साधन नहीं था, सारी दुकानें बंद थीं, लोगों को खाना नहीं मिल रहा था और आप सबको खुद पता है कि हम सबने काम करके... दिन-रात हम फोन पर लगे रहते थे... जो-जो, जहां-जहां फंसा था, उसको घर पहुंचाने के लिए कि ये हमारे परिवार का अपना है, ये हमारे क्षेत्र का है... तो हमारा रिश्‍ता टूटा नहीं, क्‍योंकि हमारा रिश्‍ता राजनीतिक रिश्‍ता नहीं था।

प्रिंयंका ने कहा, सांसद बनने से या ना बनने से थोड़े ही बना है ये रिश्‍ता, ये रिश्‍ता तो प्रेम से बना है। इसीलिए आज भी मेरे भईया 4,000 किलोमीटर चले हैं, पैदल चले हैं आपकी समस्‍याओं को सुनने के लिए और उसके बाद एक न्‍याय पत्र निकाला, जो हमारा घोषणा पत्र है। उसमें हमने ये लिखा है कि हमारी सरकार आएगी तो हर ग़रीब परिवार में जो सबसे बड़ी महिला है, उसके खाते में हर साल 1 लाख रुपए डाले जाएंगे, मतलब हर महीने आपको 8,500 रुपए मिलेंगे। जो आशा-आंगनवाड़ी की बहनें हैं, जो मिड-डे मील की बहनें हैं, उनका मानदेय बढ़ाया जाएगा... केंद्र से जो पैसे आ रहे हैं, उसका दोगुना भेजेंगे हम क्‍योंकि जानते हैं कि कितना काम करती हैं आप।

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प्रियंका ने कहा, हम ये जानते हैं कि महिला के लिए कितना संघर्ष होता है। आप दिन में बाहर भी काम करें, खेती में हाथ बटाएं, कुछ भी करें... घर आकर फिर दोगुना काम करती हो, है कि नहीं? जब तक बच्‍चे सोते नहीं हैं, सोती नहीं हो... बच्‍चा बीमार है, उसकी देखभाल करती हो... सबके लिए खाना बनाती हो, घर की सफाई करती हो। किसी ने कभी ये काम नहीं पहचाना है, हम उसे पहचानना चाहते हैं।हम चाहते हैं कि गृहस्‍थ महिला के पास भी सरकार कुछ पैसे भेजे और 50 प्रतिशत, मतलब कि आधे जो सरकारी पद हैं, हम महिलाओं को देना चाहते हैं।

प्रियंका ने आगे कहा, मेरे किसान भाई आज जूझ रहे हैं महंगाई से, पेट्रोल-डीज़ल महंगा है, खाद नहीं मिलती... कर्ज़ में डूबे हैं, बेटी की शादी करानी हो, बच्‍चे की शिक्षा करानी हो, बेटी की शिक्षा करानी हो… कर्ज़ लेना पड़ता है। इतनी महंगाई के ज़माने में आगे कैसे बढ़ना है… घबराहट होती है। अगर दो दिन की दिहाड़ी नहीं मिलती तो घर में कोई न कोई भूखा सोता है। इसीलिए हम चाहते हैं कि जो आपकी संपत्ति है, जो देश की संपत्ति है... वो वापस आपके हाथों में डाली जाए। जीएसटी दे रहे हैं आप खेती के सारे सामानों के लिए, हम खेती के सारे सामानों से जीएसटी वाला टैक्‍स हटा देंगे, ताकि वे सस्‍ते हो जाएं। हम आपकी कर्ज़ माफी के लिए एक स्‍थाई आयोग बनाएंगे। जब-जब आप संकट में होंगे, आप उस आयोग में जाकर कर्ज़ माफी की बात कर सकते हैं और आपको मदद मिलेगी। पूरे देश में हम कानून बनाएंगे कि 400 रुपए से कम मज़दूरी नहीं हो सकती। न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य आज-कल आपकी उपज के लिए आपको मिलता नहीं है, हम एक कानून बनाएंगे कि कानूनी तौर पर आपको न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य देना पड़ेगा। आज आपके खेतों में नुकसान होता है, ओले पड़ते हैं, बारिश आती है, बाढ़ आती है, आपका भुगतान नहीं होता। हम कह रहे हैं कि ऐसा होगा तो 30 दिनों के अंदर-अंदर पूरा भुगतान होगा।

प्रियंका ने आगे कहा, नौजवान इतने शिक्षित हैं, सारे शिक्षित हैं आज के दिन में… क्‍योंकि आज ग़रीब से ग़रीब परिवार सबसे पहले ये चाहता है कि अपना बच्‍चा शिक्षित हो जाए ताकि उसको अच्‍छा रोज़गार मिले, लेकिन मोदी जी की नीतियां ऐसी रही हैं कि शिक्षित भी हो जाओ... बीएससी हो, बीटेक हो, कुछ भी हो, आपने कितनी भी पढ़ाई की हो लेकिन रोज़गार की उम्‍मीद आप नहीं रख सकते। करोड़ों लोग आज बेरोज़गार हैं हमारे देश में, 30 लाख पद खाली हैं... खाली पद हैं, खाली नौजवान घूम रहे हैं, आपने पद नहीं भरे... तो कांग्रेस कह रही है - सरकार आने पर हम ये 30 लाख पद भरेंगे। 

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कांग्रेस नेता ने आगे कहा, हम नौजवानों के लिए एक ऐसा प्रोग्राम लाएंगे कि आपका हुनर भी बने, आपको काम भी मिले और आप सालाना 1 लाख रुपए कमा भी पाएं जब तक आपकी कोई स्‍थाई नौकरी न मिल जाए। तो आप स्‍नातक पास होंगे तो आपके लिए ये प्रोग्राम लागू हो जाएगा। 5,000 करोड़ रुपए का फंड बनाएंगे हम, जिससे नौजवान अगर अपना कारोबार शुरू करना चाहे, अपना यूनिट शुरू करना चाहे तो उसके लिए सुविधा हम इस 5,000 करोड़ के फंड से बनाएंगे। हम चाहते हैं कि ये छोटे कारोबार... जैसे ये दुकानें जो यहां हैं, जो छोटी यूनिट हैं... ये मज़बूत बनें, क्‍योंकि यहीं से रोज़गार बनता है। हम चाहते हैं कि खेती मज़बूत बने, क्‍योंकि एक ज़माने में खेती से रोज़गार मिलता था। आज इतनी मुश्किल है कि रोज़गार भी नहीं दे पा रहे हैं। जो खेती कर रहे हैं, वो सोचते हैं कि जितना हम खुद कर सकते हैं, वो कर लेंगे, मज़दूरों को लाने की ज़रूरत नहीं है, क्‍योंकि फिर और खर्चा होगा और कमाई नहीं हो रही है।

प्रियंका ने आगे कहा, तो ये सब हम करना चाहते हैं। जो हमने कहा और किया...उसका प्रमाण उन प्रदेशों में है, जहां हमारी सरकारें हैं। जैसे मैंने आपको कहा- कर्नाटका में, तेलंगाना में महिलाओं को पैसे मिल रहे हैं खाते में... महिलाओं की बस यात्रा फ्री है, तीर्थ यात्रा पर जा रही हैं, मायके जा रही हैं, रिश्‍तेदारों से मिलने जा रही हैं... बहुत खुश हैं, क्‍योंकि एक पैसा नहीं देना पड़ता। 25 लाख का स्‍वास्‍थ्‍य बीमा हम पूरे देश में देना चाहते हैं। हम किस आधार पर कह रहे हैं- क्‍योंकि राजस्‍थान में जब हमारी सरकार थी, तो हमने ये किया, 25 लाख तक सारा इलाज मुफ्त था। मैं ऐसे लोगों से मिली राजस्‍थान में जिन्‍होंने मुझे बताया किदीदी, मेरी पूरे हार्ट की सर्जरी हुई है, मैंने एक पैसा नहीं दिया, सरकार ने सारा खर्च उठाया। यही 25 लाख का स्‍वास्‍थ्‍य बीमा हम पूरे देश में ग़रीब परिवारों के लिए देना चाहते हैं... हमने करके दिखाया है।

अंत में प्रियंका ने कहा कि तो हम इस आधार पर कह रहे हैं ये चीजें, ये गारंटी दे रहे हैं कि हमने करके दिखाया है। आप तो पहले से ही जानते हैं कि जब-जब हम आपके सांसद रहे हैं.... हमारे परिवार का कोई सदस्‍य रहा तो काम करके दिखाया, इसीलिए आपने हमेशा समर्थन किया हमारा। तो किशोरी जी भी परिवार के सदस्‍य के समान ही हैं, उन्‍होंने 40 सालों से आपकी सेवा की है, हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर आपकी लड़ाई लड़ी है... आपके लिए न्‍याय की लड़ाई, आपकी समस्‍याओं को हल करने वाली लड़ाई लड़ी है। तो आपसे पूरी उम्‍मीद है कि इस चुनाव में आप पंजे पर बटन दबाकर किशोरी जी को विजयी बनाएंगे ताकि हम वही सेवा की राजनीति, वही समर्पण की राजनीति वापस आपके क्षेत्र में ला पाएं।

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