प्रियंका गांधी ने गोरखपुर में जो हावभाव और तेवर दिखाए हैं, उसने राजनीतिक पंडितों को भी हैरत में डाल दिया है। मोटे तौर पर जो बातें सामने आती हैं, वह कुछ इस तरह हैं :-
भाषण की शुरुआत भोजपुरी के एक वाक्य से "का हाल चाल बा...ठीक बानी जा न?" इसे आप मोदी की नकल कह तो सकते हैं, लेकिन मगर भोजपुरी का उच्चारण बनावटी नहीं लगा। वैसे भी जनताा इमोशन ही पकड़ती है, बहुत छिद्रान्वेषण नहीं करती
योगी के गढ़ से सबसे तगड़ा हमला सपा-बसपा पर। कहा - संघर्ष करते नहीं कांग्रेस पर बीजेपी से मिले होने का आरोप लगाते हैं। अरे जान दे दूंगी मगर बीजेपी से नहीं मिलूंगी। यह सिर्फ लैंग्वेज ही नहीं बॉडी लैंग्वेज भी 24 कैरेट पॉलिटिकल थी
'70 साल की मेहनत 7 साल में मिटा डाली...' का नैरेटिव खड़ा करने की कोशिश। कहा- "पूछते हैं 70 साल में कांग्रेस ने क्या किया...जो जो बनाया वो सब 7 साल में बेच डाला..."
अब तक मीडिया टीआरपी के लिए प्रियंका को दादी इंदिरा की प्रतिकृति बताता था। गोरखपुर में खुद प्रियंका ने इसे दांव की तरह इस्तेमाल कर लिया। प्रियंका ने इंदिरा गांधी को उनके शहीदी दिवस के बहाने तो याद किया ही। उनके बोलने में भी इसके शेड्स दिखते रहे। मसलन - "अरे जान दे दूंगी..."
और अंत में....खुश अंदाज़ और आत्मीयता से बांधने का कौशल। महिलाओं से खिलखिला कर कहना- तुम्हारे लिए ही सब !
गांधी परिवार से ये 'रेजोनेंस' सालों बाद बाहर आयी है। बाकी पोथी पॉलिटिकल पंडित बांचें...
पढ़िए प्रियंका गांधी का पूरा भाषण
Published: undefined
मेरी बहनें आप सबका यहाँ बहुत-बहुत स्वागत। भूपेश बघेल जी, अजय कुमार लल्लू जी, आराधना- मोना जी, सलमान खुर्शीद जी, आरपीएन सिंह जी, नसीमुद्दीन सिद्दीकी जी, कमल किशोर कमांडो जी, जितेन्द्र सिंह जी, मोहम्मद मुकीम जी, लाल चंद निषाद जी, हरिद्वार पांडेय जी, अखिलेश प्रताप सिंह जी, राम जियावन जी, अमरीश पांडे जी, निर्मला पासवान जी, पप्पू चौधरी जी, यहाँ के पूर्व विधायक, पूर्व नेतागण और सारे फ्रैंटल्स, महिला कांग्रेस के भी अध्यक्ष, यूथ कांग्रेस, एनएसयूआई के मेरे भाई-बहन, आप सबका बहुत-बहुत स्वागत।
का हाल-चाल बा? ठीक बानी जानो?
आज यहाँ आने से पहले मैं सोच रही थी कि भाषण में मैं क्या-क्या कहूँ। मैंने सोचा कि जब-जब चुनाव आता है, नेता आपके सामने आते हैं, भाषण देने। तो जो सत्ता में होता है, वो आपको ये सपना दिखाता है कि आपका जीवन अब बहुत ही अच्छा बन गया है। जो विपक्ष में होता है, वो आपको ये गिनाना चाहता है कि सब खराब है, क्या गलत है, क्या हुआ, क्या नहीं हुआ। तो सच्चाई क्या है? जो सत्ता में है, जो आपको वो सुनाते हैं, जो विपक्ष में है, वो सुनाते हैं। क्या सच्चाई है? देखिए, पिछले दो सालों में उत्तर प्रदेश में मैं काफी घूमी हूँ। भ्रमण किया है मैंने और मैंने अपने देश के बारे में एक सच्चाई समझी। मैंने ये समझा कि ये आस्थाओं का देश है। हम अपने देश में आस्था रखते हैं। धरती पर आस्था रखते हैं। अपनी मेहनत में आस्था रखते हैं। अपने धर्म में आस्था रखते हैं और अपने नेताओं में भी आस्था रखते हैं। हम जब अपने नेताओं में आस्था रखते हैं, तो हम ये आस्था रखते हैं कि हमसे जो कह रहे है, जो हमारे लिए करेंगे, वे सच्चाई से समर्पण के साथ और निष्ठा के साथ करेंगे।
जब हम बड़े-बड़े विज्ञापन देखते हैं और उन विज्ञापनों में हमें बताया जाता है कि विकास आ गया है, कि बहुत काम हो रहा है, तो आस्था की वजह से हम कभी-कभी ये सोचते हैं कि अगर इतना बड़ा विज्ञापन है, इतनी बड़ी प्रॉपोगैंडा है, तो हो सकता है, कहीं पर विकास जरुर आया होगा, शायद मेरे द्वार पर नहीं आया, लेकिन कहीं और तो जरुर आया होगा। अगर प्रधानमंत्री जी कह रहे हैं, मुख्यमंत्री जी कह रहे हैं, तो कहीं इस बात में सच्चाई होगी। इसी तरह से जब हम प्रधानमंत्री जी को अपने 8 हजार करोड़ रुपए के हवाई जहाज में इटली जाते हुए देखते हैं, तो हमारे मन में ये बात आती है कि शायद हमारे देश की शोभा बढ़ा रहे हैं, लेकिन देखिए, सच्चाई आप जी रहे हैं। मैं जहाँ-जहाँ जाती हूँ, तो ये जो इश्तेहारों में, विज्ञापनों में देखती हूँ, इससे एकदम अलग एक जमीन- आसमान के फर्क की सच्चाई मैं देखती हूँ। मैं कुछ महीनों पहले प्रयागराज में बसारा गांव में गई थी, एक निषादों का गांव है। जब मैं वहाँ गई तो पुलिस और प्रशासन ने एक निषादी की नाव जला डाली थी, बहुत ही संकट में थे गांव वाले, मुझे तट तक ले गए दिखाने के लिए कि कैसे बेहाल कर दिया था, उनके नाव को, किस तरह राख बना दिया था। नाव निषादों की माँ होती है, उनकी जीविका होती है।
आप जानते हैं कि अगर किसी का अधिकार है नदी पर, तो निषादों का अधिकार है। इस सरकार ने वो अधिकार छीना। इस सरकार ने उनको पीटा। जब उन्होंने आवाज उठाई कि हमारी नाव को ऐसे जलाया क्यों, तो उनको पीटा और उनको प्रताड़ित किया। इसी तरह से जहाँ-जहाँ मैं जाती हूँ, मैं लखीमपुर खीरी गई। आप सबने देखा होगा, लखीमपुर खीरी में जिस तरह से किसानों की हत्या की गई औऱ उनकी बिल्कुल सुनवाई नहीं हुई, उसी तरह से सरकार ने दिखाया कि उनकी असलियत क्या है। कि जो बड़े-बड़े विज्ञापन हैं, जो बड़ी-बड़ी बातें होती हैं, उनकी असलियत, उनकी सच्चाई क्या है। उन्होंने दिखाया कि किस तरह से किसानों की देश भर में बिल्कुल सुनवाई नहीं हो रही।
आज अगर किसान प्रताड़ित है, त्रस्त है, तमाम समस्याओं से जूझ रहा है, तो सरकार उनकी इतनी सी भी मदद करने के लिए तैयार नहीं है। इसी तरह से आप किसी भी वर्ग को लीजिए। दलितों को लीजिए, बुनकरों को लीजिए, पिछड़े वर्ग को लीजिए, कोई भी गरीब हो, अल्पसंख्यक हो, ब्राह्मणों के साथ भी भयंकर शोषण हुआ है। गुरु गोरखनाथ जी के विचारों से ठीक विपरीत योगी आदित्याथ जी का शासन चल रहा है। गुरु गोरखनाथ जी कहते थे:-
मन में रहिणां, भेद न कहिणां
बोलिबा अमृत वाणी
अगिला अगनी होइबा
हे अवधू तौ आपण होइबा पाणीं
लेकिन आज ये सरकार जनता के प्रति आग उगल रही है, हर रोज जनता पर आक्रमण कर रही है। आप लखीमपुर खीरी को देखिए, आगरा को देखिए, जहाँ पर 30 दलितों को उठाकर, 3 दिनों के लिए पुलिस के थाने में रखकर निर्ममता से मारा-पीटा। मैं उस परिवार से मिली, उस लड़की से मिली, जिसके पति की हत्या उसके सामने पुलिस ने मार-मारकर की। जो उसने मुझे बताया, मैं यहाँ इस मंच पर दोहरा भी नहीं सकती कि क्या दृश्य उसको देखना पड़ा और उसका एक महीने का बच्चा, अभी भी दूध पीने वाला बच्चा है, उसके लिए कोई सहायता नहीं आई सरकार की तरफ से। उसी तरह से जहाँ-जहाँ मैं जाती हूँ, यही दुःख देखती हूँ कि जहाँ संकट है, जहाँ मुश्किल है, जहाँ संघर्ष है, वहाँ सरकार अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लेती है और मदद नहीं करती।
आप किसान हैं। अभी बताया बघेल जी ने कि धान के लिए आपको कितना मिलता है। बघेल जी ने कहा कि कांग्रेस की जहाँ सरकार है, छत्तीसगढ़ में वहाँ धान के लिए 2,500 रुपए प्रति क्विंटल का मिल रहा है। खाद, खेती, फसल सब बड़े-बड़े उद्योगपति, खरबपतियों के हाथों में दे दी गई है। आज खाद की लाइन में खड़े होकर लोग मर रहे हैं। परसों मैं ललितपुर गई थी। वहाँ 4 लोगों के घरों में गई मैं। दो लोगों ने आत्महत्या की, क्योंकि खाद की लाइन में खड़े-खड़े थक गए, खाद नहीं मिली। दो लोग ऐसे थे, जो खाद की लाइन में खड़े हुए, घर नहीं जा पा रहे थे, खाना खाने के लिए, पानी पीने के लिए क्योंकि लाइन छूट जाती, वहाँ पर दम तोड़ दिया, उन्होंने। जब मैं उनके परिवारों से मिली, घर में मैंने देखा कुछ नहीं था। सिर्फ कर्ज में डूबे हुए थे, 3-4 लाख रुपए के कर्ज में डुबे हुए थे। न कोई गैस का सिलेंडर था, न कोई सरकारी मदद थी, कुछ नहीं था। सिर्फ एक कमरा और उसमें जो मर गए थे, जिनका देहांत हो गया था, उनके परिजन रो रहे थे और ये दृश्य मैं जगह-जगह देख रही हूँ।
यहाँ पर कहा गया है कि गन्ने की कीमत बढ़ाई जाएगी. मैं कहती हूँ, आज क्यों कह रहे हैं? साढ़े चार सालों से क्या किया? साढ़े चार सालों से क्या गन्ने की कीमत बढ़ाने का मौका नहीं मिला? यहाँ पर जो चीनी मिलें लगवाईं थी, कांग्रेस ने, उनको किसने बंद कराया? आपको याद होगा, समाजवादी की सरकारों ने, बसपा की सरकारों ने बंद कराया और आज वो कहते हैं कांग्रेस भाजपा से मिली हुई है। मैं उनसे पूछना चाहती हूँ कि कहाँ हैं वो, कहाँ हैं? क्यों नहीं दिखते, जब संघर्ष होता है? जब संकट होता है, तो क्यों नहीं आते आपके पास? सिर्फ कांग्रेस आ रही है, सिर्फ कांग्रेस लड़ रही है और मैं इस मंच पर खड़ी होकर कह रही हूँ, मैं मर जाऊँगी, जान दे दूँगी, लेकिन इस भाजपा के साथ कभी कोई मिलावट नहीं करूँगी।
जिस तरह से आज महंगाई ने आपके जीवन खराब कर दिए हैं। जिस तरह से आप जूझ रहे हैं कि सौ रुपए के पार पेट्रोल-डीजल, नौ सौ- हजार रुपए में गैस सिलेंडर। आप कैसे गुजारा करते हैं, मैं जानना चाहती हूँ? कैसे गुजारा कर रहे हैं? जितने भी छोटे-छोटे दुकानदार हैं, तमाम दुकानें बंद की गई हैं। यहाँ गोरखपुर में मैंने सुना कि बुल्डोजर लगा रखा है और आप सबके रोजगार, जो कोरोना में खत्म हुए, क्या आपके लिए सरकार ने कुछ किया? मदद की? कबीरदास जी कहते थे:-
साईं इतना दीजिये, जामे कुटुंब समाये।
भाजपा का मुझे लगता है कि विचार ये है कि
जनता का सब लूटि लूटि पूंजपतियों को देऊ पहुंचाय।
महंगाई इतनी बढ़ाओ, इतनी बढ़ाओ
कि जनता त्राहि-त्राहि चिल्लाए।
आप सब जानते ही हैं कि पिछले 7 सालों में जब से केन्द्र की सरकार, भाजपा की सरकार केन्द्र में आई है, तब से तमाम परिवारों की आय घटी है। देश का किसान हर दिन सिर्फ 27 रुपए कमाता है और प्रधानमंत्री के खरबपति मित्र, एक दिन में हजार करोड़ रुपए कमाते हैं। जब आपके लोन माफी की बात होती है, तो सरकार कहती है, पैसा नहीं है। उनके लोन कब से माफ किए हुए हैं, आप उनसे पूछिए। सारी संपत्तियाँ इन्होंने बेच डाली हैं। कांग्रेस ने रेलवे बनाए, हवाई अड्डा, सड़कें, सब कुछ आपको बनाकर दिया, एक-एक करके सारा बेच रहे हैं, कहते हैं कि 70 सालों में क्या किया? मैं कहती हूँ कि 70 साल की मेहनत इन्होंने 7 सालों में गंवा दी है।
आज का युवा बेरोजगार है। उत्तर प्रदेश में ही 5 करोड़ बेरोजगार युवा हैं। आपको शायद मालूम नहीं होगा, लेकिन 3 युवा हर रोज आत्महत्या करते हैं, बेरोजगारी की वजह से। 10 लाख सरकारी नौकरियाँ खाली पड़ी हैं। भर्तियों में जबरदस्त भ्रष्टाचार है। यहाँ गोरखपुर में भी विश्वविद्यालय की भर्ती में बहुत भ्रष्टाचार हुआ। सुनिए, सिद्धार्थनगर में शिक्षामंत्री के भाई को सवर्ण गरीब का प्रमाणपत्र मिला है, ताकि उसको नौकरी मिले, लेकिन जो गरीब है, उसको कोई ऐसा प्रमाणपत्र नहीं मिल रहा है, उसके लिए नौकरी नहीं है।
आपने देखा है कि हर जगह अपराधियों का तांडव है। इसके साथ-साथ जो रक्षक हैं, वो भक्षक बन गया है। आज पुलिस ने जनता को बहुत प्रताड़ित किया हुआ है। न अपराधी काबू में आ रहे हैं, न पुलिस काबू में आ रही है। कल अमित शाह जी का मैं एक भाषण देख रही थी, गृहमंत्री हैं, वो कह रहे थे कि आज उत्तर प्रदेश में अपराधियों को ढूँढ़ना पड़ता है, तो दूरबीन की जरुरत पड़ती है, लेकिन उनके साथ में कौन खड़ा था, उनके साथ अजय मिश्रा टेनी खड़े थे, जब वो ये कह रहे थे। मैं कहना चाहती हूँ, दूरबीन छोड़िए, चश्मे लगाइए। आपके साथ मंच पर खड़े होने वाले के बेटे ने किसानों के साथ क्या-क्या किया है, उसके खिलाफ कार्रवाई करिए। ये देश की जनता जानना चाहती है कि क्या न्याय की उम्मीद नहीं बची है, देश में? क्या सिर्फ अपराध का बोलबाला है? क्या गरीब की सुनवाई नहीं है, सिर्फ बड़े-बड़े अरबपति, खरबपतियों की सुनवाई है? (जनता ने कहा, अरबपति, खरबपतियों की सुनवाई है) सही कह रहे हैं आप बड़े-बड़े खरबपतियों की ही सुनवाई है इस देश में।
आपने बार-बार ये देखा है, लखनऊ में विवेक तिवारी को पुलिस ने गोली से मारा। कानपुर के एक व्यापारी मनीष गुप्ता यहाँ आए थे, गोरखपुर, उनको होटल से उठाकर पुलिस स्टेशन में ले जाकर मार डाला। उनकी पत्नी ने मेरे से पूछा- मैं क्या करूँगी। मैंने फोन पर उनसे बात की, उन्होंने कहा- मेरी सहायता कौन करेगा, मुझे न्याय कौन देगा? मैंने आगरा की बात की, वहाँ अरुण वाल्मीकि के परिवार को इस तरह से उन्होंने मारा-पीटा, वो बात मैं आपको सुना चुकी हूँ। तो आप बताइए, जब जनता में इस तरह के संकट आते हैं और जनता को ये समझ में आ जाता है कि उसकी सुनवाई नहीं है, कि सरकार उसके लिए खड़ी नहीं हो रही है, उसकी मदद के लिए नहीं है, तो देश और प्रदेश में क्या होता है? जो आस्था नेताओं में होती है, वो हिलती है। जब वो आस्था हिलती है, तब आपकी एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है कि आप प्रश्न पूछें। आप ये पूछें कि ये हमारे साथ क्यों हो रहा है? जो आपने वादे किए, आपने मंच पर खड़े होकर हमें बताया, उसके बारे में आप क्या कर रहे हैं?
मेरी बहनों को देखिए, बहुत सारी मेरी बहनें यहाँ हैं, मेरी बातों को सुनने के लिए, किस तरह से संघर्ष करती हैं। एक महिला का जीवन, संघर्ष का जीवन होता है। घर पर संघर्ष करती है, बाहर जाती है, खेती करती है, घर आकर सबके लिए खाना पकाती हैं, देखभाल करती हैं, सबकी, तमाम संघर्षों का सामना खुद करती हैं। महिलाओं पर जिस तरह से अत्याचार उत्तर प्रदेश में हुआ है, इन पांच सालों में, वो आप मेरे से अच्छी तरह जानते हैं।
उन्नाव में आपने देखा क्या हुआ? एक लड़की के साथ अपराध किया, अत्याचार किया, उसको जला दिया गया। दूसरी के खिलाफ ऐसी साजिश की कि जब वो केस सुनने के लिए जा रही थी, सड़क पर उसका एक्सीडेंट करा दिया गया। हाथरस में आपने देखा क्या हुआ- हाथरस में ये परिस्थिति बनी की उस महिला के परिजन उसको देख भी नहीं पाए, उसकी जब चिता जलाई गई। पुलिस प्रशासन ने उसकी चिता जला डाली। महिलाओं को अपनी लड़ाई खुद लड़नी पड़ेगी। गोरखपुर में भी जब एक लड़की ने पिता की पिटाई करते हुए वीडियो बनाया, तो उसको गोली मार दी। जब एक दलित लड़की के साथ बलात्कार किया गया, तो उसको सिगरेट से जलाया गया। विश्वविद्यालय की छात्रा का परिवार न्याय मांगता हुआ दर-दर भटक रहा है।
मैं अपनी बहनों से कहना चाहती हूँ, कि मैं आपके लिए लड़ूंगी, कांग्रेस पार्टी आपके लिए लड़ेगी और मैं आपको वो शक्ति देना चाहती हूँ, जिसके जरिए आप खुद अपनी लड़ाई मजबूती से लड़ पाएंगी। 40 प्रतिशत महिलाएं, जब राजनीति में आएंगी, तब राजनीति को बदल डालेंगी। ये मेरा दावा है, क्योंकि महिलाओं में करुणा है, महिलाएं बहुत समझदार होती हैं। लड़ने की क्षमता होती है, महिलाओं में और जितने अत्याचार महिलाओं के साथ हो रहे हैं, उनका सामना हम ऐसे करेंगे, जब राजनीति में और महिलाएं आएंगी, तब हम सामना करेंगे, क्योंकि जब महिला को परेशान किया जाएगा, वो हमारे पास आएंगी, महिला के पास आएंगी, तब हम में वो संवेदना भी होगी, वो शक्ति भी होगी कि हम उसकी मदद कर पाएं।
यहाँ पर जो जलभराव की समस्या है। आपने देखा होगा कि मुख्यमंत्री बनने से पहले जब भी ये समस्या उठती थी, तो योगी जी आते थे, लेकिन जब से मुख्यमंत्री बने हैं, तो हवाई जहाज में चलते चले जाते हैं, लेकिन आपकी समस्याओं को सुनने नहीं आते। जिस तरह से इनकी सरकार में जन-जन की रोजी-रोटी खत्म की है, ये आप अच्छी तरह से जानते हैं। कोरोना के समय जिस तरह से सरकार ने आक्रमण किया पब्लिक पर, जो ऑक्सीजन मांग रहा था, उसके खिलाफ कार्रवाई की गई। उसको कहा गया कि तुम्हारी जमीन जब्त कर देंगे। जो परेशान था, जो हॉस्पीटल का वीडियो निकलता था कि अस्पताल में परेशानी है, तो उस हॉस्पीटल को दबाया जाता था, वहाँ जाकर प्रताड़ित किया जाता था, मदद नहीं आई, सहायता नहीं हुई, कितने लोगों की कोरोना से मौत हुई। आपने देखा कि नदी में लाश किस तरह से बह रही थी, लेकिन सरकार की तरफ से कुछ मदद नहीं आई। जिनकी रोजी-रोटी कोरोना की वजह से भी छिन गई, आज तक उनको सहायता नहीं मिली है। कांग्रेस पार्टी ऐसे कमजोर परिवारों को 25 हजार रुपए की नकद आर्थिक सहायता देगी।
गोरखपुर में मैं जानती हूँ कि स्वास्थ्य की जो सुविधाएं हैं, वह बुरी स्थिति में हैं। अब चुनाव आ रहा है, तो सुनने में आ रहा है कि एम्स खोला जा रहा है और तमाम ऐसी घोषणाएं हो रही हैं, लेकिन जब 5 सालों से ये सब काम नहीं किए गए, तो अब क्या उम्मीद कर सकते हैं कि अब किए जाएंगे। यहाँ पर पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय है। आप जानते हैं कि अब रेलवे भी बेची जा रही है, उसका भी प्रयास है और जो तमाम लोग रेलवे के जरिए रोजगार पा रहे हैं, उनका क्या होगा, ये सवाल अब पूछने का वक्त आ गया है। आपके पास यहाँ आकर बहुत सारे खोखले वादे किए गए। आपको बताया गया था कि किसानों की आय दोगुनी की जाएगी, कि बाढ़ की समस्या हल की जाएगी, कि छोटे दुकानदारों-व्यापारियों की मदद की जाएगी, कि गन्ना मूल्य 14 दिनों में भुगतान का वादा किया गया था, चीनी मिलें शुरु होंगी, आप बताइए, कितनी चीनी मिले बंद पड़ी हैं, किसी ने शुरु किए? कहा गया था कि हवाई चप्पल वालों को हवाई जहाज में यात्रा कराई जाएगी, आज सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है, गाड़ी में जाना मुश्किल हो गया है, सबको सोचना पड़ता है सौ रुपए में पेट्रोल-डीजल हो गया, कैसे जाएंगे।
यहाँ पर गुरु गोरखनाथ जी की वाणी के विपरीत हुआ है, बुल्डोजर चलाए गए हैं, आपकी संपत्ति को जब्त करने की बात की गई है, जेल में डालने की, धमकाने की बात की गई है, तो एक समय आ गया है कि आप जो अपने नेता में आस्था रखते हैं, उस पर एक प्रश्न उठाइए कि यहाँ पर जिसने आपको इतने वादे किए, उसमें से एक भी वादा पूरा नहीं हुआ। ये समय आ गया है कि अब प्रदेश में, पूर्वांचल में बदलाव आना चाहिए। अगर आप जागरुक नहीं बनेंगे, अगर आप प्रश्न नहीं उठाएंगे, तो उत्तर प्रदेश इस खाई में से नहीं निकल पाएगा। सच्चाई ये है कि धर्म और जाति के नाम पर आपकी भावनाओं और आपकी आस्था के साथ खिलवाड़ किया गया है, ये सच्चाई है। इस सच्चाई को पहचानिए। इस सच्चाई को पहचानिए कि एक नेता का सबसे बड़ा धर्म सेवा होता है।
आज सरदार पटेल जी जैसे महान नेता का जन्मदिवस है और इंदिरा जी जैसी महीन नेता का शहादत दिवस है। इंदिरा जी ने आपको दिखाया, उनके लिए देश के ऊपर कुछ नहीं था। उन्होंने इस आस्था के लिए, जो आस्था आपने उनमें रखी थी, इस आस्था के लिए अपना जीवन दिया। वो कभी पीछे नहीं हटीं। उनको मालूम था कि उनकी हत्या होने वाली थी। आज के दिन जब मेरे भाई और मैं स्कूल जा रहे थे, रोज जाने से पहले हम अपनी दादी जी से मिलने जाते थे, आज ही के दिन उन्होंने मेरे भाई से कहा कि बेटा अगर मुझे कुछ हो जाएगा, तो रोना मत। उनको मालूम था कि उनकी हत्या हो सकती थी, फिर भी वो कभी पीछे नहीं हटीं, उनके लिए आपकी आस्था से बढ़कर इस देश, इस दुनिया में कुछ नहीं था। आपकी आस्था थी और उनके दिल में अपने देश के प्रति आस्था थी और अगर आज मैं आपके सामने खड़ी हूँ, तो ये उन्हीं की सीख है। मैं भी आपकी आस्था कभी नहीं तोड़ सकती इसलिए जो बातें मैं अभी आपके सामने रखना चाह रही हूँ, जो कांग्रेस पार्टी की प्रतिज्ञाएं हैं, मैं उसी आस्था से रखना चाहती हूँ। मैं कहना चाहती हूँ कि जो प्रतिज्ञाएं हैं, वो पूरी होंगी, नहीं तो मैं यहाँ इस मंच से आपके सामने नही कहूँगी।
अगर हमारी सरकार आएगी, तो मछली पालन को कृषि का दर्जा दिया जाएगा। जो सुविधाएं और छूट कृषि के लिए हैं, मछली पालन में वो सब लागू होंगी। बालू खनन और मछली पालन में निषाद समाज को अपना अधिकार वापस दिया जाएगा। गुरु मछन्दर नाथ विश्वविद्यालय को यहाँ पर हम स्थापित करेंगे।
किसानों के लिए मैं कहना चाहती हूँ कि हमारी ये प्रतिज्ञा है कि हम आपका पूरा कर्जा माफ करेंगे। हमने पहले भी ऐसी प्रतिज्ञा की थी और आप जानते हैं कि 72 हजार करोड़ रुपए का कर्जा हमने माफ किया था, कांग्रेस पार्टी की सरकार ने। किसानों के लिए गेहूँ और धान 2,500 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदा जाएगा और गन्ना किसानों के लिए 400 रुपए। यहाँ मैं जानती हूँ कि गन्ना का किसान बहुत ही परेशान है। मैं यह भी जानती हूँ कि अन्ना पशु की बहुत ही समस्या है और जिस तरह से हमारी सरकार ने छ्त्तीसगढ़ में इस समस्या को सुलझाने की पूरी कोशिश की है, उसी तरह से यहाँ अन्ना पशु की समस्या सुलझाने का हम काम करेंगे। अन्ना पशु की जो समस्या है, उसका हम सम्पूर्ण समाधान निकालेंगे, जिससे पशु भी बचेगा और आपका भी फायदा होगा।
युवाओं के लिए 20 लाख सरकारी रोजगार, हमारी सरकार अगर बनेगी, तो हम देंगे और जो संविदाकर्मी हैं, और जो कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी करते हैं, उनका हम नियमितिकरण कराएंगे।
अपनी बहनों के लिए मैं कह चुकी हूँ कि 40 प्रतिशत महिलाएं, कांग्रेस पार्टी विधानसभा के चुनाव में महिलाओं को टिकट देगी, इसके साथ-साथ जो 12वीं पास छात्राएं हैं, उनके लिए मोबाइल फोन मिलेगा, स्मार्टफोन मिलेगा और जो स्नातक पास हैं, उनके लिए स्कूटी मिलेगी। मेरी बहनें, आपको भाजपा सरकार ने कहा था कि आपको एक सिलेंडर मुफ्त मिलेगा, उसके बाद उन्होंने सिलेंडर के दाम ऐसे उठा दिए कि आपको वही एक सिलेंडर अगर मिला, तो मिला, उसके बाद नहीं मिल पाया। हमारी सरकार आपको साल में 3 सिलेंडर मुफ्त देगी। आप मेरे दिल के बहुत करीब हो, आपके लिए सब कुछ। आप जब सरकारी बस में यात्रा करेंगी, तो आपकी यात्रा मुफ्त होगी। आंगनबाड़ी और आशा बहुएं, दिन- रात काम करती हैं, उनको कम से कम 10 हजार रुपए का मानदेय मिलेगा। कोरोना में बहुत लोगों ने बहुत संघर्ष किया, बहुत संकट का सामना किया। हमारा संकल्प है कि कोई भी बीमारी हो, 10 लाख तक उसका मुफ्त इलाज सरकार कराएगी।
अंत में मैं कहना चाहती हूँ कि इंदिरा जी ने कहा था- मेरे शरीर के खून का एक-एक कतरा, एक-एक बूंद इस देश को समर्पित है। उन्होंने कहा था कि मेरे खून का एक-एक कतरा इस देश को जीवित करेगा। आज मैं कहना चाहती हूँ कि कांग्रेस पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता अपना खून बहाने के लिए तैयार है।
जो कहते हैं कि हमारा संगठन इस प्रदेश में दुर्बल है, वो इस भीड़ को देखें, ये हमारे संगठन की भीड़ है, ये हमारे संगठन की ताकत है। इस संगठन को बनाने के लिए हजारों-लाखों कार्यकर्ताओं ने दो साल से बहुत ही ज्यादा मेहनत की है और उनके साथ-साथ जिन कार्यकर्ताओं ने 20-30 सालों के लिए इस प्रदेश में कांग्रेस का झंडा उठा रखा, वे खड़े हैं। हमारा संघर्ष जनता का संघर्ष है। उत्तर प्रदेश के भाईयों और बहनों आपका संघर्ष है। आपकी आवाज हम उठाएंगे, आपके लिए हम लड़ेंगे, आपके लिए हम हाजिर हैं।
अंत में मैं आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहती हूँ, कि आप यहाँ आए। गुरु मछन्दर नाथ जी की जय। बोलिए मेरे साथ- गुरु मछन्दर नाथ जी की जय। गुरु गोरखनाथ जी की जय।
जय हिंद। जय हिंद। जय हिंद।
धन्यवाद।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined