योगी सरकार में तीन माह से मानदेय न मिलने पर आर्थिक तंगहाली से जूझ रहे अनुदेशक ने घर के नजदीक पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मामला 11 अप्रैल का है। इस घटना से दुखी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, “ बांदा की ये घटना बहुत ही दुखद है। बीजेपी ने आज कर्मचारियों को इस स्थिति में ला दिया है कि वो आत्महत्या को मजबूर हैं। अनुदेशकों के साथ बीजेपी ने ऐसा धोखा किया है कि हमारे ये मेहनती कर्मचारी भीषण आर्थिक तंगहाली झेल रहे हैं। उत्तर प्रदेश की जनता माफ नहीं करेगी।”
Published: 13 Apr 2019, 11:29 AM IST
खबरों के मुताबिक, बिसंडा थाना क्षेत्र के पल्हरी गांव में स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में इसी गांव का भइयालाल अनुदेशक पद पर पिछले करीब पांच वर्षों से कार्यरत था। बुधवार की देर रात गांव के बाहर पेड़ में रस्सी बांधकर उसने फांसी लगा ली। मृतक के भाई रामकृष्ण ने बताया कि तीन माह से मानदेय न मिलने से राजेश आर्थिक तंगहाली से जूझ रहा था।
इस घटना पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिश्चंद्रनाथ का कहना था कि अनुदेशकों का मानदेय 8700 रुपये प्रतिमाह है। लेकिन सरकार की ओर से बजट नहीं मिलने पर कहा कि दिसंबर माह से बजट न आने पर मानदेय नहीं दिया जा सका है।
वहीं कांग्रेस ने अनुदेशक की आत्महत्या के लिए योगी सरकार और जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। मृतक के आश्रितों को 10 लाख रुपये मुआवजा और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई।
Published: 13 Apr 2019, 11:29 AM IST
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Published: 13 Apr 2019, 11:29 AM IST