शिवसेना सांसद प्रियंका चतुवेर्दी ने शुक्रवार को आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर ऐसी सोशल मीडिया साइटों और चैनलों के खिलाफ कार्रवाई का आग्रह किया, जो महिलाओं को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं और उनकी गरिमा को कम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि इस तरह के उपद्रव से निपटने के लिए तत्काल और सख्त कार्रवाई करें, ताकि हमारे समाज की महिलाओं की गरिमा की रक्षा की जा सके, जैसा कि किसी भी जिम्मेदार सरकार को करना चाहिए।
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुवेर्दी ने आईटी मंत्री को लिखे गए अपने पत्र में महिलाओं की लाइव नीलामी प्रसारित करने वाले लिबरल डॉज नामक एक यूट्यूब चैनल और एक ऐप के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है। उन्होंने इस पत्र को ट्विटर पर भी साझा किया। प्रियंका ने अपने इस पत्र में कहा कि इस यूट्यूब चैनल ने विशेष समुदाय की एक महिला की लाइव नीलामी का प्रसारण किया। उन्होंने कहा कि ऐप पर कई महिलाओं की तस्वीरें पोस्ट की गई हैं जो उनके सोशल मीडिया हैंडल से उठाई गई हैं।
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प्रियंका चतुर्वेदी ने पत्र में लिखा कि कुछ महीने पहले लिबरल डॉज नामक यूट्यूब चैनल ने एक खास समुदाय की महिला की लाइव नीलामी का प्रसारण किया था। लोग महिला को देखकर बोली लगा रहे थे और भद्दी टिप्पणियां कर रहे थे। वहीं सुल्ली डील्स नामक ऐप पर कई पेशेवर महिलाओं की तस्वीरें पोस्ट हुई हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि जिस तरह से सुल्ली डील्स के माध्यम से एक धर्म की महिलाओं को टारगेट किया जा रहा था वो बेहद ही अफसोसजनक और निंदनीय है।
शिवसेना सांसद ने पत्र में लिखा है, "आदरणीय अश्विनी जी, साइबर स्पेस में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए यह पत्र लिख रही हूं। कुछ महीने पहले लिबरल डॉज नामक यूट्यूब चैनल ने एक विशेष समुदाय की महिला की लाइव नीलामी का प्रसारण किया था। लोग महिला को देखकर बोली लगा रहे थे और भद्दी टिप्पणियां कर रहे थे।
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उन्होंने आगे लिखा, "सुल्ली डील्स नामक ऐप पर महिला पत्रकारों समेत कई पेशेवर महिलाओं की तस्वीरें बिना उनकी जानकारी के पोस्ट की गई हैं। ये तस्वीरें महिलाओं के सोशल मीडिया अकाउंट्स से ली गईं हैं। ऐप पर तस्वीरें साझा होने के बाद महिलाओं को धमकी, उत्पीड़न और अपमान का सामना करना पड़ा है। इसका मकसद एक विशेष समुदाय की महिलाओं को निशाना बनाना था।
राज्यसभा सांसद चतुवेर्दी ने आगे कहा, "इस तरह की घटना ने महिलाओं को भारी परेशानी में डाल दिया और उन्हें भयभीत कर दिया है। कुछ महिलाओं ने तो अपना सोशल मीडिया अकाउंट ही डिलीट कर दिया और कुछ को उत्पीड़न की चिंता सता रही है। महिलाओं की गरिमा और उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने के लिए इस तरह सोशल और डिजिटल मीडिया का इस्तेमाल होने से बहुत आघात पहुंचा है।"
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उन्होंने आरोप लगाया कि हालांकि, दिल्ली और नोएडा पुलिस ने मामले दर्ज किए हैं, लेकिन अब तक मामले में कोई वास्तविक प्रगति नहीं हुई है। ऐसे मामलों के लिए कड़े और कुशल निवारक कानूनों और दंड की कमी ही अपराधियों को प्रेरित करती है। मुझे दुख है कि इतना गंभीर मामला होने के बावजूद अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इसलिए मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए आप इस मामले में त्वरित कार्रवाई करें, जैसा कि किसी भी जिम्मेदार सरकार को करना चाहिए।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में दर्जनों मुस्लिम महिलाओं ने पाया कि उनका नाम ऑनलाइन बिक्री के लिए सुल्ली डील पर रखा गया था। ये एक ऐप और ऐसी वेबसाइट थी, जिसने महिलाओं की सार्वजनिक रूप से उपलब्ध तस्वीरें ली थीं और प्रोफाइल बनाई थी, जिसमें महिलाओं का एक प्रकार से सौदा किए जाने का वर्णन किया गया था। बीबीसी ने कहा कि ऐप के लैंडिंग पेज में एक अनजान महिला की तस्वीर थी।
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