उत्तर प्रदेश में कोरोना अनियंत्रित है और सरकार सिर्फ आंकड़े छिपाकर और टेस्ट कम कर इन्हें काबू में होना दिखाने की कोशिश कर रही है। श्मशान के चारों तरफ दीवार उठाने की खबरें अभी ठंडी भी नहीं पड़ी हैं कि नई खबर आई है कि सरकार ने देश की प्रतिष्ठित लैब को कोरोना टेस्ट न करने का आदेश दिया है। इकोनॉमिक्स टाइम्स की खबर के मुताबिक लखनऊ में काम कर रही लाल पैथलैब्स और एसआरएल पैथलैब्स को सरकार की तरफ से आदेश मिले हैं कि कोरोना के टेस्ट न किए जाएं।
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हालांकि कहा यह जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रोज कम से कम 1.50 लाख टेस्ट लेने का आदेश दिया है, लेकिन सरकारी आंकड़े बताते हैं कि सिर्फ 95,000 से 98,000 तक ही टेस्ट हो पा रहे हैं। इस बीच इकोनॉमिक्स टाइम्स ने लाल पैथलैब्स और एसआरएल पैथलैब्स से बात की, तो उनका साफ कहना था कि उनके यहां कोरोना के टेस्ट नहीं हो रहे हैं क्योंकि सरकार की तरफ से उन्हें आदेश मिला है कि कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल न लिए जाएं। दोनों लैब्स ने बताया कि वे बीते 10 दिनों से कोरोना के सैंपल नहीं ले रहे हैं, क्योंकि प्रशासन ने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा है।
रोचक है कि शुक्रवार को ही अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा था कि अगर कोई भी प्राइवेट लैब जिसके पास कोरोना टेस्ट की क्षमता है, और वह टेस्ट करने से इनकार करती है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। लेकिन लैब्स का कहना है कि प्रशासन की तरफ से ही उन्हें टेस्ट न करने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा दूसरे लैब जैसे आरएमएल और मेहरोत्रा पैथालॉजी का कहना है कि उन्होंने अपने यहां सैंपल लेना बंद कर दिया है, सिर्फ अस्पतालों से ही जो सैंपल आ रहे हैं उसकी टेस्टिंग की जा रही है।
इनके अलावा अन्य पैथॉलोजी लैब्स ने भी अपने यहां सैंपिल लेना बंद कर दिया है। वे कहते हैं कि उनके यहां सिर्फ उन मरीजों के सैपंल की जांच की जा रही है जो अस्पतालों में भर्ती हैं।
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