कृषि कानून के विरोध में सड़कों पर उतरे किसानों के समर्थन में कई हस्तियां आ चुकी है। इस लिस्ट में अब नया नाम Principal Soil Chemist PAU लुधियाना डॉ. वरिंदर पाल सिंह का भी जुड़ चुका है। डॉ. वरिंदर पाल सिंह ने भी किसानों का साथ दिया है और मोदी सरकार के मंत्री से पुरस्कार ना लेकर किसानों के साथ खड़े होने की बात कही है।
पंजाब के लुधियाना में डॉ. वरिंदर पाल सिंह ने किसानों के समर्थन में अपना विरोध दर्ज कराते हुए स्टेज पर केंद्रीय रासायनिक और उर्वरक मंत्री से उत्कृष्टता के लिए स्वर्ण पदक और स्वर्ण जयंती पुरस्कार स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया।
वरिंदर पाल सिंह ने सरकार और FAI के डाय़रेक्टर जनरल का इस पुरस्कार को देने के लिए आभार जताया। वरिंदर पाल सिंह ने कहा कि जब देश के किसान सड़कों पर हैं तो ऐसे में मेरा जमीर मुझे ये पुरस्कार लेने की इजाजत नहीं दे रहा है। उन्होंने आगे कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि हम एक साथ देश के लिए काम करेंगे। वरिंदर पाल सिंह ने सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि सरकार को भी किसानों की सुननी चहिए।
डॉ. वरिंदर पाल सिंह ने कहा कि मैंने देश और किसानों के लिए हमेशा काम किया है। ऐसे में मैं अगर ये पुरस्कार लेता हूं तो मैं खुद को दोषी समझूंगा। मैं चाहता हूं कि हमें एक जुट होकर किसानों के लिए काम करना चाहिए ताकी देश को मजबूत किया जाए।
मंच पर पहुंचे डॉ. वरिंदर पाल सिंह ने रासायनिक और उर्वरक मंत्री से कहा कि अगर PAU-LCC तकनीकी किसानों तक पहुंचेगी तो सिर्फ पंजाब में सालाना करीब 750 करोड़ रुपये की बचत की जा सकती है। वहीं देशभर में अरबों रुपये बचाए जा सकते हैं। इस तकनीक को पहचान देने के लिए आपका धन्यवाद।
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