जम्मू कश्मीर के विवादित डीएसपी देवेंद्र सिंह के मामले की जांच गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी है। जिसके बाद अब आगे की जांच के लिए डीएसपी देवेंद्र सिंह को दिल्ली लाने की तैयारी है, जिसके लिए दिल्ली से एनआईए की एक टीम कश्मीर पहुंचने वाली है। बताया जा रहा है कि मामले की जांच के लिए एनआईए ने 6 सदस्यीय टीम का गठन किया है, जो देवेंद्र सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी। खबरों के मुताबिक आईबी और मिलिट्री इंटेलिजेंस पहले ही देवेंद्र सिंह से पूछताछ कर चुकी हैं।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी देवेंद्र सिंह को 11 जनवरी को कुलगाम जिले के काजीगुंड इलाके में मीर बाजार के पास से हिजबुल के दो आतंकियों नवीद बाबू और आसिफ रादेर के साथ एक गाड़ी में तब पकड़ा गया था, जब तीनों दिल्ली के रास्ते में थे। बताया जा रहा है कि जिस सफेद रंग की मारूती कार से इन लोगों को पकड़ा गया उस कार में से 2 एके-47 और कुछ हैंडग्रेनेड भी बरामद किए गए थे।
बताया जा रहा है कि देवेंद्र सिंह के साथ पकड़े गए हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी नवीद बाबू और आसिफ रादेर 2 दिनों तक श्रीनगर के बादामी बाग के पास स्थित देवेंद्र सिंह के घर में ही रुके हुए थे। कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हिजबुल मुजाहिदीन के दोनों आतंकियों को पंजाब और दिल्ली भेजने की तैयारी थी, जिसके लिए डीएसपी देवेंद्र सिंह ने काफी भारी रकम ली थी।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के कुलगाम से गिरफ्तार डीएसपी देवेंद्र सिंह शुरु से विवादों में रहे हैं। इससे पहले संसद हमले के केस में फांसी की सजा पाए अफजल गुरू से भी उसके कनेक्शन बताए जाते रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद उसके खिलाफ कभी कोई ठोस कार्रवाई या जांच नहीं हुई। लेकिन 11 जनवरी की सुबह जब वो श्रीनगर के अपने घर से निकला तभी सुरक्षा एजेंसियों की एक टीम उसके पीछे लग गई और जवाहर टनल से पहले हिज्बुल के दो टॉप आतंकियों के साथ उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
फिलहाल देवेंद्र सिंह के दफ्तर को पूरी तरह से सील कर दिया गया है और उसके आवासों की भी सघन तलाशी जारी है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इस मामले की जांच एनआईए को सौंपे जाने के बाद माना जा रहा है कि डीएसपी को दिल्ली लाकर सघनता से पूछताछ की जाएगी। लेकिन साथ ही ये भी सवाल उठता है कि क्या डीएसपी देवेंद्र सिंह और आतंकियों के लिंक के सारे राज कभी फाश होंगे या नहीं?
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