रामनगरी अयोध्या में मंदिर निर्माण की हलचल के बीच बॉलीवुड सितारों से सजी रामलीला को भव्य बनाने की तैयारियां जोरो पर हैं। अयोध्या नगरी में इस साल 17 से 25 अक्टूबर के बीच ऐतिहासिक रामलीला होने जा रही है। इसमें अयोध्या का पूरा इतिहास दिखाया जाएगा और पृथ्वी पर जहां-जहां भगवान श्रीराम के चरण पड़े, वहां-वहां की मिट्टी (रामरज) के लाइव दर्शन कराए जाने की भी तैयारी हो रही है।
अयोध्या रामलीला कमेटी (दिल्ली) के अध्यक्ष और प्रोड्यूसर सुभाष मलिक ने बताया कि कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते दर्शक इसे प्रत्यक्ष नहीं देख सकेंगे, लेकिन यू-ट्यूब और अन्य सोशल मीडिया साइट पर वे इस रामलीला का लाइव आनंद ले सकेंगे। रामलीला का मंचन अयोध्या के लक्ष्मण किला स्थित सरयू तट पर किया जाएगा। मलिक ने बताया कि 14 अक्टूबर से अयोध्या में रिहर्सल शुरू हो जाएगा। इस रामलीला को एक सप्ताह की रिकार्डिग के बाद 14 भाषाओं में इसे प्रसारित कर दुनिया के हर कोने में पहुंचाया जाएगा।
खास बात ये है कि इस रामलीला में बॉलीवुड के नामी-गिरामी कलाकार भाग लेंगे। भोजपुरी फिल्म स्टार और सांसद मनोज तिवारी अंगद की भूमिका में होंगे, तो गोरखपुर के सांसद रवि किशन भरत का रोल करते नजर आएंगे। फिल्म स्टार विंदू दारा सिंह हनुमान का अभिनय करेंगे और प्रसिद्ध हास्य अभिनेता असरानी नारद मुनि की भूमिका निभाएंगे।
सुभाष मलिक ने बताया कि फिल्म स्टार रजा मुराद अहिरावण के रूप में, शाहबाज खान रावण की भूमिका में और अभिनेत्री रितु शिवपुरी कैकेई के किरदार में होंगी। वहीं, अभिनेता राकेश बेदी विभीषण की भूमिका में नजर आएंगे। जबकि राकेश बेदी की बेटी सुलोचना का रोल करेंगी। राम की भूमिका में सोनू डागर होंगे और सीता बनेंगी कविता जोशी। अवतार गिल जनक बनेंगे। इसके अलावा राजेश पुरी जैसे और कई बड़े फिल्म स्टार भी विभिन्न किरदार में नजर आएंगे। इस रामलीला में करीब 100 कलाकार भाग लेंगे।
कार्यक्रम के आयोजक सुभाष मलिक ने बताया कि अयोध्या में होने वाली रामलीला का प्रसारण दुनिया की हर भाषा में किए जाने की तैयारी है। फिलहाल 14 भारतीय भाषाओं में इसे प्रसारित किया जाएगा। ये भाषाएं हैं हिंदी, अंग्रेजी, भोजपुरी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मराठी, पंजाबी, उर्दू, राजस्थानी, हरियाणवी, बांग्ला, मैथिली और ओड़िया।
अभिनेता और सांसद रविकिशन का कहना है कि यह रामलीला अपने आप में अद्भुत होगी। इसमें कलाकरों का मेला होगा। हालांकि कोविड-19 को देखते हुए इसे ऑनलाइन किया गया है। उन्होंने बताया, "हम बचपन से रामलीला करते रहे हैं। अयोध्या के पर्यटन को शीर्ष स्तर पर ले जाना है। रामलला के मंदिर निर्माण शुरू होने की खुशी है। अयोध्या में कई दिनों तक रिहर्सल होगी। करोड़ों रुपये की लागत से इसका मंचन होगा। इसका कॉस्टयूम मुंबई से मंगाया गया है।"
बता दें कि पिछले लंबे समय से यह संस्था प्रदेश सरकार से अयोध्या में रामलीला के आयोजन की अनुमति हासिल करने के लिए प्रयासरत थी। प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री डॉ़ नीलकंठ तिवारी ने मुख्यमंत्री से इस बारे में बात की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने रामलीला के आयोजन की अनुमति दी है। सुभाष मलिक ने कहा, "मेरी कई सालों से इच्छा थी कि श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में रामलीला करूं। मुझे खुशी है कि इस योजना को प्रधानमंत्री मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आशीर्वाद मिल रहा है और यह रामलीला विश्व की सबसे भव्य रामलीला होने में सफल होगी।"
सबसे खास बात तो यह है कि रामलीला में भगवान राम के चरण पृथ्वी पर जहां-जहां पड़े, वहां की मिट्टी को लाइव दिखाया जाएगा। ऐसा किसी भी रामलीला में पहली बार होने जा रहा है। इस रामलीला में 17 जगहों- ऋषम्मुक पर्वत, किष्किंधा (हम्पी कर्नाटक), चक्रतीर्थ (तुंगमुद्रा नदी के पास), विश्वामित्र आश्रम, संगम (प्रयागराज), नंदी ग्राम (हनुमान भरत मिलाप), भरतकुंड, जटातीर्थ, रामेश्वर मंदिर, विमुंडी तीर्घ (तमिलनाडु), दर्भशमनम (तमिलनाडु), दंडक वन (महानदी, शबरी, गोदावरी नदी के किनारे यात्रा की), कावेरी नदी के किनारे यात्रा की, सीता-कुंड (बीकापुर), भदर्शा (नंदी ग्राम के पास, अयोध्या), श्रृंगवेरपुर, अक्षयवट (प्रयागराज), धनुषकोटी की मिट्टी के रामलीला में लाइव दर्शन होंगे।
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