भारतीय सार्वजनिक प्रसारक, प्रसार भारती द्वारा, कथित राष्ट्रविरोधी रिपोर्टिग को लेकर समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के साथ अपने रिश्ते को समाप्त करने की चेतावनी के साथ उसे एक पत्र भेजे जाने की जानकारी सामने आई है। प्रसार भारती ने यह कदम तब उठाया है, जब पीटीआई ने चीनी राजदूत सुन वेदोंग का एक साक्षात्कार जारी किया, जिसमें उसने भारत-चीन हिंसक संघर्ष के लिए कथित तौर पर भारत को दोषी ठहराया। इस हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।
Published: 27 Jun 2020, 5:05 PM IST
सूत्रों का कहना है कि शनिवार को अपनी बोर्ड बैठक से ठीक पहले पीटीआई को सख्त भाषा में लिखा गया एक पत्र भेजा गया है, जिसमें सार्वजनिक प्रसारणकर्ता (पब्लिक ब्रॉडकास्टर) ने पीटीआई द्वारा राष्ट्र विरोधी रिपोटिर्ंग पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। प्रसार भारती ने पीटीआई के संपादकीय रुख को देखते हुए कहा है कि अब उसके साथ संबंध बनाए रखना मुश्किल हो रहा है।
Published: 27 Jun 2020, 5:05 PM IST
सरकारी सूत्रों का दावा है कि पीटीआई को प्रसार भारती से विभिन्न प्रकार की फीस के रूप में दशकों से करोड़ों रुपये प्राप्त होते रहे हैं। सूत्रों ने हालांकि कहा कि पीटीआई 2016-17 से इसकी समीक्षा पर जोर देता रहा है।
अब पीटीआई की कथित 'देशविरोधी' चीन रिपोर्टिंग से प्रसार भारती को लगता है कि इस करार के साथ आगे बढ़ना ठीक नहीं होगा। प्रसार भारती न केवल पीटीआई के साथ अपने संबंधों की समीक्षा कर रहा है, बल्कि जल्द से जल्द अंतिम निर्णय भी बताएगा।
Published: 27 Jun 2020, 5:05 PM IST
बता दें कि 25 जून को प्रकाशित विवादास्पद साक्षात्कार में चीनी राजनयिक ने लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के लिए सीधे तौर पर भारत को ही जिम्मेदार ठहराया था। पीटीआई की ओर से लिए गए इस साक्षात्कार में चीनी राजयनिक ने कहा था कि यह घटना पूरी तरह से भारतीय पक्ष द्वारा उकसाने के बाद घटित हुई थी और इसमें चीनी पक्ष जिम्मेदार नहीं है। इस साक्षात्कार के बाद चीनी राजदूत ने एक ट्वीट करके भी पीटीआई को साक्षात्कार दिए जाने की बात कही थी।
Published: 27 Jun 2020, 5:05 PM IST
वर्तमान सरकार के साथ पीटीआई का विवाद कई बार सामने आ चुका है। कुछ साल पहले, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि पीटीआई ने बाढ़ से संबंधित हवाई अड्डे की एक गलत तस्वीर का इस्तेमाल किया है। उस समय बाढ़ग्रस्त गुजरात में अहमदाबाद हवाई अड्डे को लेकर पीटीआई पर सवाल उठाया गया था। इसके बाद समाचार एजेंसी ने अपनी गलती के लिए माफी मांगी थी।
Published: 27 Jun 2020, 5:05 PM IST
इसके बाद समाचार एजेंसी ने मैत्री दिवस को चिह्न्ति करने के लिए मोदी और नीतीश कुमार के मुखौटे पहने हुए बीजेपी और जेडीयू के कार्यकर्ताओ की एक तस्वीर दिखाई थी। इस पर अगस्त 2017 में ईरानी ने ट्वीट करते हुए एजेंसी पर सवाल उठाया था। इस घटनाक्रम पर भी समाचार एजेंसी ने माफी मांगी थी।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
Published: 27 Jun 2020, 5:05 PM IST
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Published: 27 Jun 2020, 5:05 PM IST