हालात

प्रणब मुखर्जी का संघ कार्यक्रम में जाना संकेत भी है, संदेश भी, और लक्ष्य है 2019 

प्रणब मुखर्जी को अपने कार्यक्रम में बुलाकर संघ ने एक साथ कई हित साधे हैं, अपने भी, बीजेपी के भी। भागवत ने अपने भाषण से संघ की नर्म छवि पेश की, तो बीजेपी के लिए यूपी-बिहार से होने वाले नुकसान की भरपाई की जमीन भी तैयार कर दी।

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया 

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नागपुर हो आए, भाषण भी हो गया, उनके भाषण को लेकर जो आशंकाए एक वर्ग को थीं, वह भी कुछ हद तक दूर हो गईं, प्रतिक्रियाएं भी आ गईं, तारीफें भी हो गईं और आलोचनाएं भी। इस पूरे आयोजन से किसे क्या फायदा हुआ, इसे लेकर शुरुआती विश्लेषण तो आए, लेकिन असली तस्वीर सामने आना शायद बाकी है।

ऐसा तो है नहीं कि आरएसएस ने यूं ही प्रणब मुखर्जी को अपने कार्यक्रम में बुला लिया। जरूर इसके पीछे कोई खास मकसद होगा। मोटे तौर पर प्रणब मुखर्जी के संघ के कार्यक्रम में जाने के कुछ कारण ये हो सकते हैं:

  • संघ द्वारा प्रणब मुखर्जी को बुलाना सोची-समझी रणनीति का हिस्सा था और सबसे पहला फायदा तो यह हुआ कि संघ के जिस कार्यक्रम को सिंगल कॉलम में वह भी क्षेत्रीय अखबारों में जगह मिलती थी, वह राष्ट्रीय स्तर पर लाइव देखा गया, पढ़ा गया, उस पर बहसें हुईं।
  • प्रणब मुखर्जी का भाषण सुनने की आतुरता में पूरे देश ने टीवी चैनलों पर संघ के अनुशासित स्वंयसेवकों का कौशल, पथ संचलन और ध्वजारोहण आदि देखा और मोहन भागवत का भाषण सुना।
  • मोहन भागवत ने अपने भाषण में हिंदुत्व की बात तो, लेकिन सतर्कतापूर्वक एक नर्म रुख लिया, ताकि संघ की बेहतर छवि देश के सामने आ सके। संघ और उससे जुड़े संस्थाओँ और संगठनों के कट्टर रुख के उलट मोहन भागवत हिंदुत्व की उदार छवि को पेश करने की कोशिश करते दिखे। अभी तक सिर्फ हिंदू की बात करने वाला संघ सभी धर्म, जातियों आदि को एक ही भारत मां की संतान बताने लगा।
  • हाल के उपचुनावों में ध्रुवीकरण की कोशिशें नाकाम रहीं, और कैराना जैसे इलाके में बीजेपी को शिकस्त देखना पड़ी। ऐसे में संघ को एक समावेशी रवैया न सिर्फ अपनाने, बल्कि उसका प्रचार करने की भी जरूरत थी, ताकि बीजेपी के लिए माहौल बनाया जा सके। संभवत इसी सोच के बाद ही बीजेपी और संघ एक साथ संपर्क और संवाद की बात कर रहे हैं। अमित शाह संपर्क फॉर समर्थन अभियान पर निकले हुए हैं, तो संघ ने भी संवाद का शुरुआत की है।
  • प्रणब मुखर्जी के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण होने का मतलब यह भी है कि संघ ने रणभेरी फूंक दी है और आने वाले दिनों में वह बीजेपी के लिए खुलकर प्रचार करेगा।
  • इस आयोजन से बीजेपी को भी फायदा हुआ है। चर्चा है और जमीनी तस्वीरें बताती हैं कि 2019 में बीजेपी को उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में 2014 जैसी सफलता शायद नहीं मिले। मोटे तौर पर देखा जाए तो इन चार राज्यों में उसे करीब 100 सीटों का नुकसान झेलना पड़े। इसकी भरपाई के लिए उसकी नजर बंगाल और ओडिशा पर है। पिछले दिनों खबरें आईँ थीं कि शायद नरेंद्र मोदी अगला चुनाव ओडिशा के पुरी से लड़ें। उधर
  • प्रणब मुखर्जी का बंगाली होना भी और संघ के मंच से बोलना बीजेपी के लिए शायद पश्चिम बंगाल में कोई नया रास्ता बना दे।
  • वैसे भी बीजेपी एक-एक कर कांग्रेस के नायकों को अपनाने की मुहिम में है। महात्मा गांधी पहले ही अपने चश्मे के साथ कई सरकारी योजनाओं का हिस्सा हैं, तो पटेल की विशाल प्रतिमा बन रही है और पीएम मोदी तो आंबेडकर को अपना कहने में कोई कोर कसर छोड़ती ही नहीं। इसके अलावा बोस और शास्त्री के परिवारों को भी बीजेपी जब मौका मिलता है अपने से जुड़ा हुआ बताने में संकोच नहीं करती। अब निशाना कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले प्रणब दा पर था, जिसे सफलतापूर्वक उसने इस्तेमाल किया।
  • आने वाले दिनों में प्रणब मुखर्जी के नाम पर क्या-क्या होगा, यह देखना मजेदार होगा कि इस पूरे आयोजन को सोशल मीडिया किसके पक्ष में किस तरह तोड़ेगा-मरोड़ेगा।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined

  • छत्तीसगढ़: मेहनत हमने की और पीठ ये थपथपा रहे हैं, पूर्व सीएम भूपेश बघेल का सरकार पर निशाना

  • ,
  • महाकुम्भ में टेंट में हीटर, ब्लोवर और इमर्सन रॉड के उपयोग पर लगा पूर्ण प्रतिबंध, सुरक्षित बनाने के लिए फैसला

  • ,
  • बड़ी खबर LIVE: राहुल गांधी ने मोदी-अडानी संबंध पर फिर हमला किया, कहा- यह भ्रष्टाचार का बेहद खतरनाक खेल

  • ,
  • विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले कांग्रेस ने महाराष्ट्र और झारखंड में नियुक्त किए पर्यवेक्षक, किसको मिली जिम्मेदारी?

  • ,
  • दुनियाः लेबनान में इजरायली हवाई हमलों में 47 की मौत, 22 घायल और ट्रंप ने पाम बॉन्डी को अटॉर्नी जनरल नामित किया