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प्रद्युम्न हत्याकांडः आरोपी बस कंडक्टर अशोक को मिली जमानत, पिंटो परिवार को भी राहत

प्रद्युम्न हत्याकांड में हरियाणा पुलिस द्वारा मुख्य आरोपी बनाए गए रेयान स्कूल के बस कंडक्टर अशोक को अदालत ने जमानत दे दी है। मंगलवार को ही स्कूल मालिकों को भी हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। 

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

रेयान स्कूल के प्रद्युम्न हत्याकांड में हरियाणा पुलिस द्वारा मुख्य आरोपी बनाए गए स्कूल के बस कंडक्टर अशोक कुमार को अदालत ने जमानत दे दी। मंगलवार को गुरुग्राम के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी यादव ने 50 हजार रुपये के मुचलके पर अशोक को सशर्त जमानत दी। हालांकि अदालत ने जमानत मंजूर करने के साथ ही अशोक को सीबीआई जांच में सहयोग करने और शहर छोड़ने से पहले पुलिस को सूचित करने की हिदायत भी दी है। अशोक की ओर से सोमवार को जमानत याचिका दायर की गई थी, जिसपर दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

इस बीच मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने रेयान स्कूल के मालिक पिंटो परिवार को भी सशर्त जमानत दे दी। हालांकि, हाईकोर्ट ने इससे पहले पिंटो परिवार की अंतरिम जमानत याचिका पर कुछ फौरी राहत दे दी थी, जिसे प्रद्युम्न के पिता की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को पिंटो परिवार की जमानत याचिका 10 दिन में निपटाने का निर्देश दिया था।

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गुरुग्राम स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल में कक्षा-2 के 7 वर्षीय छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की लाश 8 सितंबर को स्कूल के वाशरूम में पाई गई थी। मामले में शुरुआती जांच करने वाली हरियाणा पुलिस ने उसी दिन बस कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार करते हुए दावा किया था कि बच्चे के साथ गलत काम करने में नाकाम रहने के बाद अशोक ने उसकी हत्या कर दी। हालांकि स्कूल स्टॉफ के दो सदस्यों और अशोक के परिवार ने दावा किया था कि गरीब परिवार से होने के कारण अशोक को बलि का बकरा बनाया गया है। बाद में 22 सितम्बर को सीबीआई ने इस हत्याकांड को सुलझाने की जिम्मेदारी ली और 8 नवंबर को उसी स्कूल के 11वीं कक्षा के छात्र को मुख्य आरोपी बताते हुए गिरफ्तार किया था। फिलहाल इस आरोपी छात्र को फरीदाबाद सुधार गृह में रखा गया है।

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अदालत से अशोक को मिल जाने पर उसके पिता ने खुशी जताते हुए कहा कि सीबीआई और कानून ने इंसाफ किया है। उनका दावा है कि अशोक को स्कूल ने फंसाया था। अशोक को परिजनों का आरोप है कि पुलिस हिरासत में उसे बहुत बेरहमी से प्रताड़ित किया गया है जिसकी वजह से उसने उसने हत्या का गुनाह कबूल कर लिया था। प्रद्युम्न के पिता ने भी कहा कि उन्हें कानून और अदालत पर भरोसा है और वह अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।

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