गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि 2021 की जनगणना का आंकड़ा मोबाइल ऐप के माध्यम से की जाएगी। इससे कागज से डिजिटल जनगणना की तरफ जाने में मदद मिलेगी। ये जानकारी अमिताश हा ने दिल्ली में जनगणना भवन की आधारशिला रखने के दौरान दी।
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उन्होंने आगे कहा कि एक ऐसी व्यवस्था लाएगी जिसमें यदि किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो यह आंकड़ा अपने आप ही जनसंख्या के आंकड़े में अपडेट हो जाएगा। अमित शाह ने ने कहा कि साल 1865 में सबसे पहले जनगणना की गई तब से लेकर आज 16वीं जनगणना होने जा रही है। कई बदलाव और नई पद्धति के बाद आज जनगणना डिजिटल होने जा रही है।
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अमित शाह ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने 2021 की जनगणना के साथ-साथ एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर) की तैयारी पर 12,000 करोड़ खर्च करने की संभावना जताई है। बता दें कि 2011 की जनगणना कागज आधारित थी।
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अमित शाह ने कहा कि सभी नागरिकों के लिए एक बहुउद्देश्यीय पहचान पत्र का विचार रखा। जिसमें आधार, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और बैंक खाते जैसी सभी सुविधाएं जुड़ी हों। उन्होंने कहा कि आधार, पासपोर्ट, बैंक खाते, ड्राइविंग लाइसेंस, और वोटर कार्ड जैसी सभी सुविधाओं के लिए एक ही कार्ड हो सकता है। इसकी संभावनाएं हैं।
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