लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने जा रहे कानपुर से कांग्रेस प्रत्याशी आलोक मिश्रा को पुलिस द्वारा नामांकन कक्ष में दाखिल होने से रोके जाने का मामला सामने आया है। इस पर मिश्रा की पुलिस से कहासुनी भी हो गई। इसके विरोध में मिश्रा अपने प्रस्तावकों के साथ वहीं सड़क पर बैठ गए। बाद में किसी तरह मामला शांत हुआ।
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मामले में पुलिस का कहना था कि आलोक मिश्रा पांच से अधिक प्रस्तावक लेकर नामांकन दाखिल करने नहीं जा सकते, जबकि आलोक मिश्रा ने कहा कि वो प्रस्तावक नहीं, बल्कि प्रत्याशी हैं और उनका पांचवां प्रस्तावक अभी तक आया भी नहीं है, तो पांच से अधिक प्रस्तावक कैसे हो गए।
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आलोक मिश्रा ने कहा कि इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें अंदर जाने नहीं दिया। पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक लिया, जिसके बाद वो अपना रोष जाहिर करने के लिए अपने समर्थकों के साथ सड़क पर बैठ गए। इसके बाद, उन्होंने अपने प्रस्तावक अमिताभ बाजपेई को फोन कर कहा कि आप जल्दी आइए। आप अभी तक आए नहीं हैं, इसलिए मुझे अंदर जाने नहीं दिया जा रहा है।
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दरअसल जब कोई भी प्रत्याशी नामांकन दाखिल करने जाता है, तो उसके साथ पांच प्रस्तावक होते हैं। बता दें कि आलोक मिश्रा दो सेट पहले ही फाइल कर चुके हैं, बाकी दो सेट फाइल करने के लिए पहुंचे थे। लेकिन नामांकन कक्ष में दाखिल होने से पुलिस ने रोक दिया, जिससे वहां थोड़ी देर के लिए विवाद खड़ा हो गया।
कानपुर हमेशा से ही कांग्रेस का गढ़ रहा है। इस बीच, कांग्रेस ने यहां से 28 साल बाद किसी ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगाया है, जिसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। आलोक मिश्रा कानपुर के बड़े चेहरों में शुमार हैं। उनका मुकाबला बीजेपी के रमेश अवस्थी से है।
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