खालिस्तान समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' प्रमुख अमृतपाल सिंह को मोगा से गिरफ्तार कर असम के डिब्रूगढ़ भेजा गया है। इस संबंध में IGP हेडक्वार्टर डॉ सुखचैन सिंह गिल ने कुछ ही प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। उन्होंने बताया कि अमृतपाल सिंह ने सरेंडर नहीं किया, बल्कि उसे गिरफ्तार किया गया है।
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IGP हेडक्वार्टर डॉ सुखचैन सिंह गिल ने आगे कहा कि अमृतपाल सिंह के ख़िलाफ़ NSA के वारंट जारी हुए थे जिसके बाद उसकी गिरफ़्तारी NSA के अधीन हुई है। इस पूरे ऑपरेशन के दौरान पंजाब के लोगों ने शांति, क़ानून व्यवस्था बनाई रखी जिसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं। हमने ऑपरेशन चलाकर सुबह 6:45 पर गिरफ्तार किया था।
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उन्होंने आगे कहा कि हमारे पास खास जानकारी थी जिसमें हमको पता था कि वह रोडे गांव के गुरुद्वारे में मौजूद है। हमने गुरुद्वारा साहिब की मर्यादा को रखते हुए उसको गिरफ्तार किया। उसको गिरफ्तार करने के बाद उसे असम की डिब्रूगढ़ रवाना कर दिया गया है।
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उन्होंने आगे कहा कि पंजाब में कानून-व्यवस्था, सांप्रदायिक सौहार्द्र बना हुआ है और किसी भी तरह की अप्रिय घटना की कोई अशंका नहीं है।
उन्होंने कहा कि बीते 35 दिन से ऑपरेशन जारी था। आज पुख्ता जानकारी जुटाने के बाद पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार आगामी कार्रवाई की जाएगी।
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अमृतपाल 'वारिस पंजाब दे'संगठन का चीफ है। वह अलग देश खालिस्तान की मांग कर रहा है. वह कुछ दिन पहले ही दुबई से लौटा है। वारिस पंजाब दे संगठन को पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू ने बनाया था। दीप सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल ने इसपर कब्जा कर लिया। उसने भारत आकर संगठन में लोगों को जोड़ना शुरू किया।
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