पंजाब नेशनल बैंक में हुए घोटाले का खुलासा बैंक की तरफ से शेयर बाजार को दी गई एक्सचेंज फाइलिंग से हुआ था। इसमें बैंक ने खुद माना था कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की कंपनियों ने करीब 11,500 करोड़ रुपए का घोटाला किया है। लेकिन पीएनबी ने अभी तक इस पूरी रकम की एफआईआर सीबीआई के पास दर्ज नहीं कराई है।
सीबीआई ने इस मामले में अभी तक दो एफआईर दर्ज की हैं। पहली एफआईआर 29 जनवरी को दर्ज की गई, जिसमें 281 करोड़ रुपए के घोटाले की बात है और दूसरी एफआईआर में 4,886.72 करोड़ रुपये के घोटाले का जिक्र किया गया है। इस तरह इस घोटाले में अभी तक कुल 5,167.42 करोड़ रुपए के घोटाले का मामला ही दर्ज किया गया है। दूसरी एफआईआर में गीतांजलि समूह की कंपनियों के 11 निदेशकों के भी नाम शामिल हैं।
दूसरी एफआईआर के साथ लगाई गई पीएनबी की शिकायत के मुताबिक गीतांजलि समूह ने कुल 75.459 करोड़ डॉलर यानी 4,886.72 करोड़ रुपये की रकम भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं से पीएनबी से जारी एफएलसी या लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के आधार पर निकाली।
सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि बाकी 6,400 करोड़ रुपये की रकम भी डायमंड आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट्स और स्टेलर डायमंड, जिसमें नीरव मोदी, निशल मोदी (नीरव के भाई), मेहुल चोकसी (नीरव के मामा) और एमी नीरव मोदी (नीरव की पत्नी) साझेदार हैं, के खिलाफ दर्ज पहली एफआईआर में जोड़ी जाएगी।
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इस बीच रविवार को भी इस महाघोटाले के सिलसिले में 15 शहरों में छापेमारी की गई और करीब 45 जगहों की तलाशी ली गई। जिन जगहों पर छापेमारी हुई, उनमें बेंग्लुरु में 10, दिल्ली में सात, कोलकाता और मुंबई में पांच-पांच, चंडीगढ़ और हैदराबाद में चार-चार, पटना और लखनऊ में तीन, अहमदाबाद में दो जगहों पर और चेन्नई और गुवाहाटी में एक-एक जगहों पर एजेंसी ने छापेमारी की।
प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी ने बताया कि गोवा, जयपुर, श्रीनगर और जालंधर में भी इस मामले में छापेमारी की गई है, लेकिन जगहों की अभी पुष्टि नहीं हुई है। दिल्ली में ईडी ने साकेत स्थित एमजीएफ मॉल में गीतांजलि के काउंटर, वसंत कुंज में एंबियंस मॉल, जनकपुरी में गीतांजलि काउंटर शॉपर्स स्टॉप, रजौरी गार्डेन में आरक्यूब, रीगल ज्वेलर्स और द्वारका सेक्टर-11 व रोहिणी में गीतांजलि स्टोर की तलाशी ली।
इससे पहले ईडी ने शुक्रवार और शनिवार को भी 35 और 21 ठिकानों पर छापेमारी की थी और काफी मात्रा में आभूषण आदि जब्त किए थे। सूत्रों के मुताबिक इन आभूषणों की कीमत कई हजार करोड़ रुपए हो सकती है। ईडी ने दरअसल गुरुवार को इस मामले में मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज कर छापेमारी शुरू की थी।
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रविवार को कांग्रेस ने बैंकों में जारी धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े पर संसद के बजट सत्र में ही श्वेत पत्र लाने की मांग की। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने दिल्ली में पार्टी की प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि देश के बैंकों में पिछले पांच वर्षों में 61,360 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई। इन पांच वर्षों में से चार वर्ष मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के शासन के हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार बैंकों की स्थिति पर संसद के बजट सत्र में श्वेत पत्र लेकर आये, जिससे स्थिति स्पष्ट हो सके। सभी बैंक यह बतायें कि उनके यहां कितने की धोखाधड़ी हुई है।
कांग्रेस ने यह भी कहा कि एनपीए के मामले में भारत का दुनिया में छठा स्थान है और कुल एनपीए का 77 फीसदी बड़े कार्पोरेट घरानों का है। उन्होंने कहा कि सरकार 31 दिसम्बर 2017 तक के एनपीए की स्थिति स्पष्ट करे जिससे लोगों को पता चल सके कि कौन सी कंपनी को कितना घाटा हुआ है और किसका कामकाज सही नहीं है।
उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि, “प्रधानमंत्री यह नहीं बतायेंगे कि उनके साथ विदेश यात्रा पर कौन निजी लोग यात्रा कर रहे हैं, क्योंकि यह सरकारी गोपनीयता के तहत आता है। रक्षा मंत्री राफेल की कीमत नहीं बतायेंगी, वित्त मंत्री अर्थव्यवस्था की हालत बयां नहीं करेंगे, सूचना प्रसारण मंत्री अपनी शैक्षणिक योग्यता नहीं बतायेंगी, क्योंकि ये सब बातें सरकारी गोपनीयता के तहत आती हैं।”
उन्होंने कहा कि यह विडंबना ही है कि घोटाले में फंसे पंजाब नेशनल बैंक को सतर्कता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने का पुरस्कार दिया गया है।
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