जब सत्ता में बैठे लोग अपनी शक्तियों और अधिकारों का गैरकानूनी फायदा उठाना शुरु करते हैं तो वही हालत होती है जो इन दिनों पंजाब एंड महाराष्ट्र कोआपरेटिव बैंक (पीएमसी बैंक) की हुई है। पीएमसी बैंक के सूत्रों का कहना है कि बीजेपी के ताकतवर नेता का बेटा रंजीत सिंह बैंक और एचडीआईएल दोनों के बोर्ड में शामिल था। एचडीआईएल ही वह कंपनी है जिसे दिए गए 4,335 करोड़ रुपए के कर्ज की वजह से पीएमसी की हालत खराब हुई है।
सूत्रों के मुताबिक बैंक के डायरक्टर के नाते रंजीत सिंह ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए बैंक अधिकारियों से वह सारे काम कराए जिनके अब आरोप लग रहे हैं। रोचक बात यह है कि रंजीत सिंह बैंक के बोर्ड में डायरेक्टर के तौर पर तीसरी बार शामिल हुए थे।
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रिजर्व बैंक ने शुरु में खाताधारकों को सिर्फ 1000 रुपए निकालने की छूट दी, जिसे बाद में 10,000 और फिर 25,000 कर दिया गया। लेकिन इससे भी बैंक के ग्राहकों में पैदा हुई घबराहट कम नहीं हुई है। आरबीआई को पता चला कि बैंक से कई ऐसे लेनदेन हुए हैं जो नियमों के खिलाफ थे और उन्हें छिपाकर भी रखा गया।
बैंक के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर जॉय थॉमस के इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने माना है कि बैंक ने अपने बैड लोन (वसूल न हो पाने वाले कर्ज) को छिपाया, जो बैंक ने एचडीआईएल को दिया था। उन्होंने बताया कि बैंक ने बीते 6-7 सालों के दौरान अपने उन अभिलेखों को रिजर्व बैंक से छिपाया जिसमें कर्ज दिए जाने की बात सामने आती।
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थॉमस ने यह भी माना कि एचडीआईएल को दिया गया कर्ज वापस नहीं आ रहा था, फिर भी बैंक ने रिजर्व बैंक की नजर से बचने के लिए इसे एनपीए घोषित नहीं किया। इतना ही नहीं बैंक ने करीब 21,000 फर्जी खाते भी खोले ताकि एचडीआईएल को दिए गए कर्ज को छिपाया जा सके। ये सब अधिकारियों की जानकारी के बिना नहीं हो सकता था, जो बैंक के बोर्ड में शामिल ताकतवर राजनीतिज्ञों की शह पर यह काम कर रहे थे।
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एक और खुलासा हुआ है कि बैंक के बोर्ड में 12 ऐसे डायरेक्टर हैं जिनके महाराष्ट्र और केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी से रिश्ते हैं। रंजीत सिंह के पिता तारा सिंह मुंबई की मुलुंड सीट से चार बार बीजेपी के विधायक रह चुके हैं। हाल तक तारा सिंह 5वीं बार अपने लिए टिकट की कोशिश कर रहे थे। इसके अलावा रंजीत सिंह भी बीजेपी का सदस्य है और इस बार के विधानसभा चुनाव में टिकट की उम्मीद लगाए बैठा था। रंजीत सिंह ने 2017 के बीएमसी चुनावों में भी मुलुंड से टिकट हासिल करने की कोशिश की थी, लेकिन उनकी जगह पार्टी ने वरिष्ठ नेता किरिट सोमैया के बेटे नील सोमैया को टिकट दिया था। अब पीएमसी बैंक घोटाला सामने आने के बाद बीजेपी ने बाप-बेटे दोनों को ही टिकट न देने का मन बना लिया है।
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इस दौरान रंजीत सिंह ने एक बयान जारी कर कहा कि वह बैंक के रोजमर्रा के कामों में शामिल नहीं था और न ही किसी को कर्ज दिए जाने की उसे कोई जानकारी थी। सरदार तारा सिंह ने भी कहा कि न तो वह और न ही उनका बेटा या बैंक का कोई भी डायरेक्टर कर्ज देने की प्रक्रिया में शामिल नहीं था। लेकिन बैंक के कामकाज को करीब से देखने वाले एक व्यक्ति का कहना है कि, “पीएमसी बैंक के घोटाले से साफ है कि कैसे नेता मामला सामने आने पर खुद को पाक-साफ बताते हैं।”
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