प्रधानमंत्री नरेंद्र ने सोमवार सुबह राजधानी दिल्ली के एम्स पहुंचकर कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाया। इस बारे में उन्होंने स्वंय ही ट्वीट कर देश को सूचित किया, जिसके बाद टीका लगवाते हुए उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। प्रधानमंत्री ने भारत में बनी कोवैक्सीन का टीका लिया। पीएम के इस कदम से जहां भारत में बनी वैक्सीन को लेकर आशंकाओं पर विराम लगेगा, वहीं लोगों में देसी वैक्सीन को लेकर भरोसा भी बढ़ेगा।
लेकिन, प्रधानमंत्री के इस कदम के जहां प्रशंसनीय माना जा रहा है, वहीं इसके पीछे छिपे राजनीतिक और चुनावी संदेश को भी नजरंदाज़ नहीं किया जा सकता। एम्स में प्रधानमंत्री को टीका लगाने के लिए दो नर्सें मौजूद थीं। इनमें से एक का नाम सिस्टर निवेदा है और दूसरी का रोजम्मा अनिल। एक केरल से हैं दूसरी पुडुचेरी से। इन दोनों ही राज्यों विधानसभा चुनावों का ऐलान हो चुका है। वैक्सीन लेने की सूचना खुद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर दी।
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इसके अलावा प्रधानमंत्री ने टीका लगवाते वक्त जो गमछा पहन रखा है वह असम का है। असम में भी विधानसभा चुनावों का ऐलान हो चुका है। इस तरह पीएम ने कोरोना वैक्सीन लेकर जहां देसी वैक्सीन को लेकर लोगों में भरोसा जताने का काम किया, वहीं एक राजनीतिक और चुनावी संदेश भी दिया।
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प्रधानमंत्री को टीका लगाने वाली नर्स सिस्टर पी निवेदा ने बाद में पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री को वैक्सीन की अगली खुराक 28 दिन बाद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि टीका लगाए जाने के बाद पीएम ने कहा, "वैक्सीन लगा भी दी और पता भी नहीं चला।"
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