बिहार में चमकी बुखार के कहर पर आखिरकार करीब 17 दिनों के बाद पीएम मोदी की चुप्पी टूटी है। राज्य सभा में पीएम मोदी ने अपने अभिभाषण के दौरान कहा कि चमकी बुखार या एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के कारण हुई मौतें दुर्भाग्यपूर्ण हैं और हमारे लिए शर्म की बात है। बता दें कि अब तक इसकी चपेट में आने से 170 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं मुजफ्फरपुर में अभी तक 132 लोगों की मौत हो चुकी है।
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पीएम मोदी ने बच्चों की मौत पर कहा कि चमकी बुखार से मौतें हमारे लिए शर्मिंदगी की बात है। यह हमारी नाकामी दिखाती है। उन्होंने आगे कहा, “पिछले दिनों बिहार के चमकी बुखार की चर्चा हुई है। आधुनिक युग में ऐसी स्थिति हम सभी के लिए दुख और शर्मिंदगी की बात है। इस दुखद स्थिति में हम राज्य के साथ मिलकर मदद पहुंचा रहे हैं। ऐसी संकट की घड़ी में हमें मिलकर लोगों को बचाना होगा।”
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उन्होंने आगे कहा कि मैं बिहार सरकार से लगातार संपर्क में हूं। हर पल की जानकारी ले रहा हैं। इस बीमारी से निजात पाने के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है और आने वाले समय में हम जल्द ही इस संकट से निजात पा जाएंगे।
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गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत को लेकर नीतीश सरकार विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ नाराज लोगों के भी निशाने पर है। बच्चों की मौत के बाद अस्पताल के दौरे के वक्त उन्हें जनता के कोपभाजन का शिकार होना पड़ा था। नाराज लोगों ने काले झंडे दिखाए थे और ‘नीतीश गो बैक के नारे’ भी लगाए गए थे।
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सुप्रीम कोर्ट ने भी बिहार में हो रही बच्चों की मौत पर कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। चमकी बुखार से हो रही मौतों के बीच कोर्ट ने बिहार सरकार से सात दिनों में जवाब मांगा है। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार, नीतीश सरकार और यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है।
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वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन और मंगल पांडे के खिलाफ दायर अर्जी पर निचली अदालत ने संज्ञान लिया है। कोर्ट ने दोनों नेताओं के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।
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