हमारे मोदी जी आंसू बहाने में उस्ताद हैं। इतने बड़े उस्ताद कम से कम राजनीति में तो पहले नहीं हुए! अगर वह फिल्मों होते तो क्या पता दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन से भी ज्यादा सफल होते और बेचारा देश भी इस संकट से बच जाता! उन्होंने गलती की क्योंकि उन जैसे प्रधानमंत्री तो आते-जाते रहेंगे, लेकिन फिल्म अभिनेता और अभिनेत्री एक बार आपके दिल पर राज जमा लेते हैं तो फिर वह राज कभी नहीं मिटता!
मोदी जी आजकल एक और बड़ी गलती कर रहे हैं। हाय-हाय सरदार पटेल रो रहे हैं। सरदार पटेल होते तो यह होता और सरदार पटेल होते तो वह होता। चलो मान लिया मोदी जी जो-जो कहते हैं, सब होता है लेकिन सरदार पटेल तो प्रधानमंत्री नहीं बने न और तब तो मोदी जी का जन्म भी नहीं हुआ था कि वह सरदार पटेल को प्रधानमंत्री बनवा देते और जनसंघ में रहकर तो सात जन्म भी नहीं बनवा सकते थे क्योंकि तब तो जनसंघ के पितामह श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी सरदार पटेल के साथ नेहरू मंत्रिमंडल में थे और भारत विभाजन के दस्तावेज पर उन्होंने भी दस्तखत किये थे, 'शेम -शेम' तो नहीं कहूं!
खैर, मोदी जी आपके आने से पहले जो भी हुआ, बुरा हुआ। अच्छा कुछ भी नहीं हुआ। अब अगर अतीत को रोने लगेंगे तो मोदी जी बहुत कुछ है रोने को! वैसे मोदी जी भारत का विभाजन हो गया तो ही आपके जैसी 'विभूति' भी प्रधानमंत्री बनने का अवसर पा गईं! इसलिए आपको तो विभाजन का शुक्रिया मनाना चाहिए! और आपको फिर भी विभाजन सचमुच दर्द है तो भैया जी आप तो पिछले पौने चार साल से प्रधानमंत्री हो, आप ही कुछ कर दिखाते! दोनों देशों के विलय की दिशा में एक कदम तो बढ़ाते! अरे सपना तो देखते! मगर आप तो एक के बदले दस पाकिस्तानी सैनिकों के सिर लाने का एजेंडा लेकर आए थे और हो ये रहा है उल्टा कि आप हमारे सैनिकों को ज्यादा से ज्यादा मरवा रहे हैं! आपका और आपके दोस्तों- यारों का काम तो पाकिस्तान को गाली दिए बिना चलता ही नहीं, बल्कि आप और आपके भक्तों को देश का हर मुसलमान ही 'पाकिस्तानी' लगता है! वह गणतंत्र दिवस मनाता है तो और भी ज्यादा 'पाकिस्तानी' लगता है! आप तो 2002 से लेकर आज तक मुस्लिम घृणा पर ही पलते रहे हो! आपकी ऑक्सीजन तो वही है जो हमें निरंतर कार्बन डाई ऑक्साइड दे रही है! पता नहीं भारत की जनता कब तक इस कार्बन डाइऑक्साइड को सह पाएगी!
तो मोदी जी बहुत हो चुका, अब सरदार पटेल पर रोने का यह नाटक बंंद करो क्योंकि आपके चाहने से न तो वह जीवित होने वाले हैं और न नेहरू जी वापस आकर उन्हें प्रधानमंत्री बनाने वाले हैं और न 1947 फिर से आने वाला है! रोते-रोते आपने पूरे पौने चार साल काट दिए! जनता जान गई है कि ये ग्लीसरीन के आंसू हैं। आप तो अब यह बताओ कि सरदार पटेल की याद मेें आपने भारत-पाकिस्तान के विलय का कोई कार्यक्रम बनाया है? हमने मान लिया कि आज तक कांग्रेस ने विनाश ही किया है। तो आप ही बता दो आपने पौने चार साल में भाषण के अलावा क्या किया हैै? आपने ये और वो और वो इंडिया जो बनाया है,वह है कहां? अब आप 'न्यू इंडिया' वह भी 2022 में बनाने की बात कर रहे हो! यह किसका 'न्यू इंडिया' होगा? क्या अभी तक अंबानियों-अडाणियों का 'न्यू इंडिया' नहीं बना है? वैसे आप और आपका संघ तो 'ओल्ड इंडिया' बनाने में व्यस्त हैं। भारत को ऐसा 'जगद्गुरु' बनाने में बिजी है,जहां जाति धर्म, वर्ण और लिंग के आधार पर न केवल भेदभाव हो बल्कि हिंसा हो! आप और आपके लोग तो महाराणा प्रताप को अकबर से जिताने में लगे हैं, गाय और लव जिहाद के नाम पर लोगों को निबटाने में, सबको पाकिस्तान भेजने में लगे हैं।
आप 'न्यू इंडिया' बनाना चाहते हो या 'जगत गुरु हिदू इंडिया', यह आपस में बैठकर पहले तय तो कर लो! कभी अपने परम मित्र ट्रंप जी से भी पूछ लेना कि क्या वह भारत को 'जगतगुरु' मानने को तैयार हैं या खुद को ही वह 'जगदगुुुरू' मानते हैं और आपके नेतृत्व में भारत को अपना चेला? वैसे भी आप तो आजकल पकौड़ा बनवाने-बिकवाने में लगे हैं तो आपका 'न्यू इंडिया' क्या 'पकौड़ा इंडिया' होगा और वह भी 2022 में होगा? वैसे आपको पक्का यकीन है कि 2019 में 'पकौड़ा इंडिया' बनाने के लिए लोग आप की सरकार बनाने वाले हैं? और भैया 'न्यू इंडिया' क्यों, 'नया भारत' क्यों नहीं? क्या आपको हिंदी कम आती है और अंग्रेजी ज्यादा?
चलो कांग्रेस ने तो न कुछ किया है और न कर सकती है, लेकिन आप तो सब कर सकते हो! चलो सरदार पटेल को स्वर्ग से बुला लो और उन्हें अपनी जगह प्रधानमंत्री बना दो, ताकि हमेशा-हमेशा के लिए टंटा मिटे! वैसे भाजपा में भी सुनते हैं, कोई सरदार पटेल हुआ करते थे, उनका क्या हुआ? कहां हैं वह आजकल? उनका नाम याद तो है न आपको या मैं बताऊं? जरूरत हो तो पता भी बता सकता हूं!
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