कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की करारी शिकस्त के लिए पीएम मोदी के अहंकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री ने देश की धड़कन सुनने से इनकार कर दिया, और देश ने चुनावी नतीजों से उन्हें जवाब दिया है।
देश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक शानदार मौका दिया था, लेकिन वे हर मोर्चे पर नाकाम साबित हुए और उन्होंने अहंकार में देश के लोगों की आवाज़ सुनने से इनकार कर दिया। यह कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का जिन्होंने मंगलवार शाम दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत की।
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पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने सभी राज्यों के लोगों बधाई दी। उन्होंने तीन हिंदी भाषी राज्यों में कांग्रेस की जीत का सेहरा उन राज्यों के लोगों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सिर बांधा। राहुल गांधी ने कहा कि मेरी शुभकामनाएं उन मुख्यमंत्रियों के साथ भी हैं जो इन चुनावों में हार गए हैं।
पत्रकारों ने राहुल गांधी से तमाम किस्म के सवाल पूछे। हर सवाल का सधा हुआ जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि इस समय देश के सामने तीन बड़े मुद्दे हैं,जिनका समाधान पीएम मोदी और बीजेपी लोगों के सामने नहीं रख पाई। उन्होंने कहा कि, युवाओं के लिए नौकरियां और रोजगार के मौके, किसानों की दुर्दशा और अर्थव्यवस्था का संकट देश के लिए बहुत बड़ी चुनौती है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि, “युवाओं में यह भावना है कि मोदी जी ने रोजगार का जो वादा किया था वह पूरा नहीं किया, यह सरकार किसानों की बात नहीं सुनती। यह साफ है कि लोगों में यह भावना आ चुकी है कि मोदी जी अपने वादे पूरे नहीं कर पाए हैं।“
उन्होंने कहा कि, “मैंने पूरे प्रचार के दौरान महसूस किया कि लोगों को समझ आ गया है कि यह सरकार बुरी तरह फेल हो गई है।“ उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक नई ऊर्जा के साथ सामने आई है जिससे साबित होता है कि अब मोदी जी बीजेपी को चुनाव नहीं जिता सकते।
उन्होंने कहा कि, “पीएम को समझना होगा कि नोटबंदी, जीएसटी और बेरोजगारी और नौकरियों की कमी के कारण लोगों में नाराजगी है। और लोगों की यह नाराज़गी कांग्रेस के लिए यह अच्छी खबर है।”
क्या इन चुनावी नतीजों का असर 2019 के लोकसभा चुनाव में होगा? इस सवाल के जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस समय देश में केंद्रीय मुद्दे रोजगार और किसानों की समस्या है। उन्होंने कहा कि,”यह सिर्फ मध्य प्रदेश या राजस्थान का मुद्दा नहीं है, बल्कि पूरे देश का मुद्दा है, और इसका समाधान निकालना होगा।“ राहुल गांधी ने कहा कि, “पीएम ने रोजगार के बारे में, अर्थव्यवस्था के बारे में जो वादे किए थे वह पूरे नहीं हुए।“
राहुल गांधी ने सोमवार को दिल्ली में हुई संयुक्त विपक्ष की बैठक के बारे में कहा कि पूरा विपक्ष अब एक साथ है और 2019 में एक साथ ही चुनाव लड़ेगा। मध्य प्रदेश में बीएसपी से गठबंधन न करने के बारे में उन्होंने कहा कि कांग्रेस और एसपी-बीएसपी की विचारधारा एक ही है। वे भी बीजेपी के खिलाफ हैं।“ उन्होंने बताया कि, “हम काफी खुले मन से उनके साथ गठबंधन करना चाहते थे, लेकिन किसी वजह से बात नहीं बन पाई, लेकिन विचारधारा के मुद्दे पर हम एक साथ थे, और हैं।“ उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री को लेकर कोई विवाद नहीं है।
राहुल गांधी से यह सवाल भी पूछा गया कि क्या इन चुनावों में ईवीएम में कोई गड़बड़ी नहीं हुई क्योंकि आर जीत गए हैं? राहुल ने इसका बेहद सधा हुआ जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ईवीएम का सवाल सिर्फ भारत में नहीं उठ रहा, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी ईवीएम से चुनाव की निष्पक्षता और विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठे हैं। इसके बारे में सोचने की जरूरत है।
राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि, “जब नरेंद्र मोदी पीएम बने तो लोगों के मन में था कि वे रोजगार के मुद्दे पर, भ्रष्टाचार और किसान के मुद्दे पर लड़ेंगे। लेकिन वह फिल्म गायब हो चुकी है। अब लोगों को समझ आ गया है कि मोदी जी खुद भ्रष्ट हैं। यह बात अब लोगों के मन में बैठ चुकी है। राफेल में भ्रष्टाचार हुआ है, और इसकी सच्चाई जल्द सामने आएगी।“
उन्होंने कहा कि, “पीएम को देश ने काम करने के लिए चुना है, लेकिन पीएम को संदेश मिला है कि युवाओं, किसानों और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वे कुछ नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा देश का पूरा आर्थिक ढांचा ढह रहा है, पीएम को जैसे लकवा मार गया है, वह जवाब नहीं देते। वे विपक्ष का दबाव नहीं झेल पाते। देश के सामने संकट है, पीएम को इसका समाधान देना होगा, लेकिन वे कुछ नहीं कर पाते।“
किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे पर राहुल गांधी ने कहा कि जैसे कांग्रेस की सरकार बनेगी, कर्जमाफी की प्रक्रिया शुरु हो जाएगी। उन्होंन कहा कि लेकिन कर्जमाफी समाधान नहीं है, सिर्फ एक मदद भर है। उन्होंने कहा कि स्थाई समाधान के लिए किसानों से, विशेषज्ञों से बात करके, तकनीक का इस्तेमाल करके स्थाई हल निकाला जाएगा। उन्होंने बताया कि इस बारे में कांग्रेस ने अंदरूनी तौर पर विशेषज्ञों से विमर्श शुर कर दिया है।
क्या बीजेपी की तरह कांग्रेस भी देश के बीजेपी मुक्त कराने की कोशिश करेगी? इस सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि हमारा नजरिया अलग है। हमारा मानना है कि हमारी लड़ाई उनकी विचारधारा से है। हम उसके खिलाफ लड़ेंगे. हमने उन्हें आज हराया है, 2019 में भी हराएंगे। हम किसी पार्टी से भारत को मुक्त कराने की बात नहीं करते।
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कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि, “इस समय बड़ी बात यह है कि अर्थव्यवस्था पर संकट है, नोटबंदी, जीएसटी आदि से नुकसान हुआ है। उसे ठीक करना होगा।“ उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वर्षों तक हर बार नए विज़न के साथ काम किया है, और आज की जरूरत भी नए विज़न की है। हम उसी विज़न के साथ काम करेंगे, हम पुरानी सरकारों पर हमला नहीं करेंगे।
राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश के दिल की धड़कन सुनने से इनकार किया और चुनावी नतीजों से लोगों ने उन्हें इसका जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि एक राजनेता के नाते हमें लोगों की बात सुनना जरूरी है, तभी हम समाधान कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि, “मोदी जी को इतना बड़ा मौका मिला, लेकिन दुखद है कि उन्होंने देश के दिल की धड़कन को सुनने से इनकार कर दिया। उनमें अहंकार आ गया, लोगों की बात सुनना बंद कर दिया।“ उन्होंने कहा कि समस्या का समाधान किसी के भी पास हो सकता है, इसलिए लोगों को सुनना जरूरी है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बब्बर शोर की संज्ञा देते हुए कहा कि उनकी मेहनत के कारण ही कांग्रेस पार्टी जीतने में कामयाब हुई है। उन्होंने बताया कि कार्यकर्ताओं के जोश और नेताओं के आपसी मतभेदों को दूर कर हमने एक साथ चुनाव लड़ा और लोगों ने हमें जिताया।
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