पीएम मोदी देश में घूम- घूम कर गुजरात मॉडल का गुणगान करते हुए नहीं थकते हैं, लेकिन उसी गुजरात मॉडल में सामूहिक नकल का ऐसा मामला आया है जिसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे। इस सामूहिक नकल को लेकर गुजरात सेंकडरी एंड हायर सेकंडरी एजुकेशन बोर्ड के अधिकारी भी सकते में है। 12वीं की परीक्षा में हुई इस सामूहिक नकल में 959 छात्र शामिल थे और जीएसएचएसईबी के हालिया इतिहास में इसे सामूहिक नकल का सबसे बड़ा मामला माना जा रहा है।
Published: 16 Jul 2019, 6:19 PM IST
खबरों के मुताबिक, जीएसएचएसईबी की ओर मार्च महीने में 12वीं की परीक्षा ली गई थी। जिसमें 959 परीक्षार्थियों ने एक जैसा उत्तर दिया था। छात्रों के कॉपी में उनके उत्तर का क्रम भी एक ही जैसा था। सभी छात्रों ने एक तरह की गलती भी की थी। गुजरात शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक गिर सोमनाथ और जूनागढ़ के केंद्रों पर ज्यादा नकल की शिकायत मिली थी। इन सेंटरों पर 200 छात्रों ने एक निबंध- ‘बेटी परिवार का चिराग है’ को एक ही तरह से शुरू से अंत तक लिखा। जिन विषयों में सामूहिक नकल के मामले सामने आए हैं, उनमें अकाउंटिंग, इकनॉमिक्स, अंग्रेजी साहित्य और स्टैटिस्टिक्स शामिल हैं।
Published: 16 Jul 2019, 6:19 PM IST
सामूहिक नकल पकड़े जाने के बाद इन छात्रों को फेल कर दिया गया और 2020 तक इन छात्रों के रिजल्ट पर भी रोक लगा दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि छात्रों से बातचीत में पता चला है कि परीक्षा केंद्रों पर शिक्षकों ने उन्हें यह उत्तर लिखवाए थे।
Published: 16 Jul 2019, 6:19 PM IST
जीएसएचएसईबी के एक अधिकारी का कहना है, “बोर्ड अब अमरापुर (गिर-सोमनाथ), विसानवेल (जूनागढ़) और प्राची-पिपला (गिर-सोमनाथ) में 12वीं की परीक्षा के केंद्र रद्द करने की तैयारी कर रहा है।” इस प्रकार सामूहिक नकल की घटना सामने आने से गुजरात सरकार के नकल पर लगाम लगाने के दावे गलत साबित होते हैं।
Published: 16 Jul 2019, 6:19 PM IST
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Published: 16 Jul 2019, 6:19 PM IST