गुवाहाटी में पीएम मोदी का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। पीएम मोदी को लगातार नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ लोगों का गुस्सा झेलना पड़ रहा है। एनडीटीवी के मुताबिक, गुवाहाटी दौरे के दूसरे दिन भी पीएम मोदी फिर दो जगहों पर विरोध में काले झंडे दिखाए गए हैं।
इससे पहले शुक्रवार को गुवाहाटी पहुंचे पीएम मोदी का भारी विरोध हुआ। हवाई अड्डे से राजभवन जाने के दौरान ऑल असम स्टूडेंट यूनियन (आसू) के कार्यकर्ताओं ने पीएम मोदी को काले झंडे दिखाए और नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान ‘मोदी वापस जाओ’के नारे भी लगाए गए। मोदी पूर्वोत्तर के दो दिवसीय दौरे पर हैं। आसू सदस्यों ने गुवाहाटी विश्वविद्यालय के गेट पर प्रधानमंत्री को उस समय काले झंडे दिखाए जब वह लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से शाम करीब साढ़े छह बजे राजभवन की ओर जा रहे थे।
इसे भी पढ़ें: बड़ी खबर LIVE: गुवाहाटी पहुंचने पर पीएम मोदी का हुआ भारी विरोध, प्रदर्शनकारियों ने दिखाए काले झंडे
कांग्रेस ने इस घटना घटना की तस्वीर ट्वीट करते हुए कहा है कि आज नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों द्वारा गुवाहाटी में पीएम मोदी का गुस्से और आक्रोश के साथ काले झंडों से स्वागत किया गया। साथ ही कांग्रेस ने पूछा कि क्या इन लोगों की आवाज सुनी जाएगी?
इससे पहले असम स्टूडेंट यूनियन (आसू) और 70 सामाजिक संगठनों ने नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा के दौरान उन्हें काला झंडा दिखाने और आंदोलन करने की शुक्रवार को घोषणा की थी। आसू के प्रमुख सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने बताया कि उनके संगठन ने शुक्रवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में मोदी के पुतले जलाए। बता दें कि लोकसभा में 8 जनवरी को नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पारित किये जाने के बाद मोदी पहली बार असम के दौरे पर हैं।
Published: 09 Feb 2019, 11:11 AM IST
क्या है नागरिकता संशोधन बिल?
नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 को लोकसभा में 8 जनवरी को ‘नागरिकता अधिनियम’ 1955 में बदलाव के लिए लाया गया है। केंद्र सरकार ने इस विधेयक के जरिए अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैन, पारसियों और ईसाइयों को बिना वैध दस्तावेज के भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव रखा है। इसके लिए उनके रहने की समय अवधि को 11 साल से घटाकर 6 साल कर दिया गया है। यानी अब ये शरणार्थी 6 साल बाद ही भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। जबकि 1955 नागरिकता अधिनियम के अनुसार, बिना किसी प्रमाणित पासपोर्ट, वैध दस्तावेज के बिना या फिर वीजा परमिट से ज्यादा दिन तक भारत में रहने वाले लोगों को अवैध प्रवासी माना जाएगा। पूर्वोत्तर के राज्यों में इस बिल के विरोध में आंदोलन कर रही पार्टियों का कहना हैं कि इससे एक गलत परंपरा शुरू होगी।
Published: 09 Feb 2019, 11:11 AM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 09 Feb 2019, 11:11 AM IST