केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की कोई भी जुगत काम नहीं आ रही है। बीजेपी और जोडीयू ने मिल बैठकर लोकसभा सीटों का बंटवारा कर लिया और कुशवाहा को तरजीह नहीं दी गई। इसी सिलसिले में उपेंद्र कुशवाहा ने शुक्रवार को पीएम मोदी से मिलने का वक्त मांगा था, लेकिन उन्हें मिलने का वक्त तक नहीं दिया गया। थक हारकर कुशवाहा को शुक्रवार रात को पटना लौटना पड़ा।
पटना लौटने के बाद कुशवाहा ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का मुझे वक्त नहीं दिया गया। कुशवाहा ने कहा कि एनडीए में मेरी उपेक्षा हो रही है। उन्होंने एनडीए से अलग होने के सवाल पर कहा कि यह उनके अकेले का फैसला नहीं है। इस पर पार्टी फैसला लेगी। उन्होंने कहा कि 4 और 5 दिसंबर को वाल्मीकि नगर में पार्टी के चिंतन शिविर में इस पर मंथन होगा।
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इससे पहले कुशवाहा ने कहा था कि पीएम मोदी से मिलने के बाद वे एनडीए छोड़ने पर कोई फैसला लेंगे। खबरों के मुताबिक, कुशवाहा की पार्टी में एनडीए में रहने और उसे छोड़ने को लेकर एक मत नहीं है। माना जा रहा है कि 6 दिसंबर को मोतिहारी में कुशवाहा एनडीए से अलग होने का ऐलान कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी का एक तबके का कहना है कि 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद ही कुशवाहा मंत्री पद से इस्तीफा देंगे। जाहिर पांच राज्यों के नतीजे कांग्रेस और बीजेपी के साथ उन पार्टियों के लिए भी बेहद अहम है, जो लोकसभा चुनाव को लेकर कुछ अहम फैसले लेने की तैयारी कर रही हैं।
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