कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर में सामने आए सरकारी कुप्रबंधन को लेकर प्रधानमंत्री पर शनिवार को एक और निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने सच्चाई को छिपाने और जिम्मेदारी से बचने का प्रयास किया। वह सच पर नहीं, प्रोपेगेंडा में यकीन रखते हैं।
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प्रियंका गांधी ने अपने अभियान 'जिम्मेदार कौन' के तहत जारी एक बयान में मोदी को असक्षम प्रधानमंत्री और अकुशल शासक बताते हुए कहा कि वह जिम्मेदारी का निर्वहन करने के बजाय प्रचार पर ज्यादा भरोसा करते हैं। उन्होंने कहा कि किसी संकट के समय में सुशासन का तात्पर्य सच्चाई का सामना करना, जिम्मेदारी लेना और कार्रवाई करना है, लेकिन दुर्भाग्य से, मोदी सरकार ने इनमें से कुछ भी नहीं किया। इसके बजाय, शुरूआत से ही सच्चाई छिपाई गई और जिम्मेदारी से बचने का हर संभव प्रयास किया गया।
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कांग्रेस महासचिन ने बताया कि कोरोना महामारी के संकट के समय में भी प्रधानमंत्री बड़ी ही आसानी से पीछे हट गए और सबसे बुरे दौर के बीत जाने का इंतजार किया। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ने एक डरपोक व्यक्ति की तरह से बर्ताव किया है। उन्होंने देश की प्रतिष्ठा को गिराया है। पूरी दुनिया शासन करने की उनकी क्षमता को पहचानती है।
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प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री को महामारी के खिलाफ बहादुरी से लड़ना चाहिए था, लेकिन उन्होंने कोरोना से लड़ने के लिए किसी के सुझाव को नहीं माना और अहंकार के कारण विशेषज्ञों की राय को भी नजरअंदाज कर दिया, जिसका खामियाजा देश को भुगतना पड़ रहा है।
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