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'आदिपुरुष' फिल्म पर रोक लगाने की हाईकोर्ट में मांग, चैनलों ने दिया टाइटिल 'राम तेरी पिक्चर मैली'

शुक्रवार को रिलीज फिल्म आदिपुरुष को लेकर बवाल हो रहा है। मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है और फिल्म पर रोक की मांग की गई है। वहीं फिल्म के संवाद लेखक पर संवाद चोरी करने के आरोप लगे हैं। कहा जा रहा है कि इस फिल्म से हिंदू धर्म और रामायण का मजाक उड़ाया गया है।

फिल्म 'आदिपुरुष' का पोस्टर
फिल्म 'आदिपुरुष' का पोस्टर 

प्रभास और कृति सेनन अभिनीत फिल्म आदिपुरुष को लेकर जबरदस्त बवाल शुरु हो गया है। फिल्म रिलीज होने के चंद घंटों के भीतर ही इस फिल्म पर पाबंदी लगाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी गई है, वहीं फिल्म के डायलॉग और अभिनेताओं के परिधान को लेकर फिल्म की जबरदस्त आलोचना हो रही है। यहां तक कहा जा रहा है कि इस फिल्म के जरिए रामायण का मजाक उड़ाने की कोशिश की गई है।

मूलत: रामचरितमानस पर आधारित फिल्म आदिपुरुष का कड़ा विरोध हो रहा है। इस फिल्म में जिस तरह के संवाद, अभिनेताओं के परिधान यानी कॉस्ट्यूम और स्पेशल इफेक्ट्स का इस्तेमाल किया गया है, उससे फिल्म प्रेमी तो नाराज हैं ही, लोगों ने इसे हिंदू धर्म का अपमान बताया है। शुक्रवार 16 जून को फिल्म के रिलीज होने के चंद घंटों के भीतर ही इस फिल्म के खिलाफ हिंदू सेना नाम के संगठन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर फिल्म पर बैन लगाने की मांग की है।

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हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि इस फिल्म भारतीय संस्कृति को बदनाम करने के लिए बनाया गया है। फिल्म के तथ्यों को लेकर भारत में सिने प्रेमियों के साथ ही पड़ोसी देश नेपाल ने भी आपत्ति दर्ज की है। नेपाल का कहना है कि फिल्म में जानकी को भारत की बेटी कहा गया है जोकि उसके अनुसार तथ्यात्मक रूप से गलत है। नेपाल ने मांग की है कि इस तथ्य को तुरंत दूर किया जाना चाहिए।

लेकिन सर्वाधिक बवाल फिल्म के संवादों को लेकर हो रहा है। लोगों का कहना है कि जिस तरह से फिल्म के डायलॉग लिखे गए हैं वह सीधा-सीधा रामायण का अपमान है। इस फिल्म के निर्देशक ओम राउत हैं और इसके संवाद मनोज मुंतशिर शुक्ला ने लिखे हैं। इस फिल्म के कुछ डॉयलॉग में हनुमान जी से ऐसे संवादों को कहलवाया गया है जिस पर तीखी आपत्ति दर्ज हुई है। मिसाल के तौर पर फिल्म के एक सीन में हनुमान कहते हैं कि ‘लंका लगा देंगे’... इसी तरह रावण का संवाद है कि कोई काम धंधा नहीं है, यह तेरी बुआ का बगीचा नहीं है...

इस फिल्म के रिलीज पर पहले ही दिन कई मीडिया चैनलों ने दर्शकों की प्रतिक्रिया जानी। उसकी कुछ झलकियां सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हैं जिसमें दर्शक फिल्म से बेहद नाराज और निराश नजर आ रहे हैं।

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सोशल मीडिया पर सर्वाधिक आलोचना फिल्म के डायलॉग को लेकर ही हो रही है। कुछ लोगों ने कई मशहूर कथावाचकों के दो-तीस पहले किए गए कार्यक्रमों की क्लिप शेयर कर लिखा है कि फिल्म के संवाद लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला ने संवाद चोरी किए हैं। फिल्म के डायलॉग को लेकर इतना बवाल हो रहा है कि कुछ चैनलों ने तो फिल्म के निर्देशक ओम राउत और संवाद लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला को स्टूडियो में बुलाकर डिबेट भी किया। लेकिन इस डिबेट में न तो फिल्म के निर्देशक और न ही संवाद लेखक फिल्म पर अपना नजरिया साफ तरीके से रख सके।

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सोशल मीडिया पर लोगों ने एक कथावाचक के कई बरस पूर्व सुनाए गए संवादों को फिल्म में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। एक यूजर ने तो उस कथा वाचक का वीडियो क्लिप भी शेयर किया है जिसमें हू बहू वही संवाद बोले जा रहे हैं जिन्हें मनोज मुंतशिर शुक्ला ने आदिपुरुष के लिए लिखा है।

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वहीं कवि कुमार विश्वास ने भी इस फिल्म के संवादों को लेकर बिना फिल्म का नाम लिए टिप्पणी की है। उन्होंने गोस्वामी तुलसी कृत रामचरितमानस और वाल्मीकि रामायण का जिक्र करते हुए लिखा है कि हनुमान जी किस प्रकार की भाषा बोलते थे कि उन्हें तो वाक्यों और व्याकरण का ज्ञाता कहा जाता था।

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