पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग में सरकारी सिस्टम की घोर लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां सभी सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से कक्षा 8 तक के छात्रों को मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना के तहत सप्ताह में एक दिन पौष्टिक आहार के तौर पर दूध दिया जाता है। स्कूलों में दूध के पैकेट पहुंचाने का काम उत्तराखंड सहकारी डेयरी लिमिटेड करती है। गुरुवार को बेरीनाग विकास खंड के विभिन्न स्कूलों में जब दूध के पैकेट पहुंचे तो वो एक्सपायरी डेट के थे। दूध के पैकेटों पर 27.05.20 की तारीख डली हुई थी, जिसकी एक्सपायरी डेट 6 महीने की थी। राजकीय हाईस्कूल खोलागांव में भी इसी तरह से दूध के पैकेट पहुंचे। उन पर भी पैकिंग की डेट 27.05.20 डली हुई थी। और इस्तेमाल का समय 6 महीने ही लिखा हुआ था।
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एक्सपायरी डेट का दूध स्कूल में पहुंचते ही शिक्षकों के होश उड़ गए है। उन्होंने स्टाफ को दूध बांटने से रोक दिया। शिक्षकों ने मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी। इसके बाद मामले की शिकायत दूध सप्लाई करने वाले से की गई। दूध सप्लाई करने वाले ने इस मामले में सफाई दी कि छपाई के दौरान डेंट मिस प्रिंट हो गया था। दूध में कोई खराबी नहीं है।
वहीं, इस पूरे मामले पर तरूण पंत खंड शिक्षा अधिकारी बेरीनाग ने कहा कि कुछ स्कूलों में दूध के पैकेटों में उत्पादन की तिथि गलत होने की जानकारी मिलते ही दूध का वितरण बंद करा दिया था। जांच करने पता चला पैकेटों पर उत्पादन तिथि पूरी गलत लिखी हुई थी। दूध में किसी भी प्रकार कोई खराबी नहीं है।
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