कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने पीएम द्वारा संसद में प्रवेश करते वक्त सीढ़ी पर सिर झुकाने और संविधान को नमन करने की तुलना, महात्मा गांधी की हत्या से पहले नाथूराम गोडसे द्वारा उनका पैर छूने की घटना से की है। उन्होंने आगे का कि बीजेपी एसटी-एससी और ओबीसी आरक्षण को लेकर कुठाराघात करना चाहती है। बीजेपी आरक्षण का खुलकर विरोध कर रही है।
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उन्होंने कहा, “लोग कहते हैं कि 2019 में जब मोदी जी दूसरी बार सत्ता में आए थे तो उन्होंने संविधान को माथा टेका था। 2014 में संसद के आगे सिर झुका कर वो अंदर गए थे। उन्होंने आगे कहा, “नाथूराम गोडसे ने भी पहले गांधी के पैर छुए थे, उसके बाद उन्हें गोली मारी थी।”
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उन्होंने आगे कहा, “मैंने बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा के बारे में बताया है। प्रधानमंत्री और सरकार, संविधान पर हमला कर रहे हैं। यह (संविधान) स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा तैयार किया गया था। ये वो लोग हैं जिन्होंने संविधान की कॉपियों को जलाया और आज इसके सामने झुक रहे हैं। गोडसे ने भी ऐसा ही किया था। हम सभी को इस ड्रामे के बारे में पता है।”
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बता दें कि हाल ही सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरी में आरक्षण को लेकर कहा है कि राज्य सरकारें नियुक्तियों में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है और प्रमोशन में आरक्षण का दावा करने का कोई मूल अधिकार नहीं है। सदन में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ, सोमवार को उस वक्त हंगामा शुरू हो गया, जब कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण से संबंधित फैसले पर सरकार से जवाब मांगा है।
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