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जेडीयू से निकाले जाने के बाद PK ने पहली बार तोड़ी चुप्पी, कहा- गांधी के हत्यारे गोडसे की तरफ है JDU का झुकाव 

जेडीयू से निकालने जाने के बाद पहली बार मीडिया से प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश जी का कहना है वह गांधी, जेपी और लोहिया को नहीं छोड़ सकते। लेकिन मेरे मन में यह दुविधा रही कि कोई अगर ऐसा सोचता है तो वह उस समय गोडसे के साथ खड़े होने वाले और उनकी विचारधारा के लोगों के साथ कैसे खड़े हो सकते हैं

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

जेडीयू से निकालने जाने के बाद पहली बार मीडिया से प्रशांत किशोर ने बातचीत की। पटना में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान प्रशांत किशोर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, “जेडीयू की विचारधारा को लेकर मेरे और नीतीश जी के बीच कई बार विचार-विमर्श हुए हैं। नीतीश जी ने हमेशा हमें बताया कि गांधी जी के आदर्शों को पार्टी कभी नहीं छोड़ सकती, लेकिन अब जेडीयू गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के प्रति नरम है। मेरे लिए गांधी जी और गोडसे साथ-साथ नहीं चल सकते हैं।”

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प्रशांत किशोर ने आगे कहा, “2005 में बिहार की जो स्थिति थी, आज भी दूसरे राज्यों के मुकाबले बिहार की स्थिति वही है। नीतीश जी ने शिक्षा में काम किया- साइकिल बांटी, पोशाक बांटी और बच्चों को स्कूल तक पहुंचाया लेकिन आप 15 साल में एक अच्छी शिक्षा नहीं दे पाएं। 15 साल में बिहार में खूब विकास हुआ है, लेकिन विकास की रफ्तार और आयाम ऐसे नहीं रहे हैं, जिससे बिहार की स्थिति बदली हो।”

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उन्होंने आगे कहा, “नीतीश जी या कोई भी नेता अगर बिहार के लिए खड़ा होगा तो बिहार की जनता उसके साथ खड़ी होगी। उसके लिए किसी गठबंधन की जरूरत नहीं है। नीतीश जी या जो लोग ऐसा मानते हैं कि बिहार में जीतते रहने के लिए बीजेपी के साथ बने रहना जरूरी है। मैं उससे सहमत नहीं हूं।”

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नीतीश पर तंज मारते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वह बिहार को गरीब राज्य क्यों दिखाना चाहते हैं? प्रशांत किशोर ने कहा, “नीतीश का विचार है कि हम पुरानी पार्टी है, ट्विटर का क्या करेंगे? मेरी सोच इससे अलग है। ट्विटर अकेले गुजरात वालों का नहीं है। गुजरात को ट्विटर हमने ही सिखाया है।”

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इस दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं यहां किसी राजनीतिक पार्टी का ऐलान नहीं करने जा रहा हूं या किसी गठबंधन के काम में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है। मेरा गुरुवार से कैंपेन शुरू होगा- 'बात बिहार की'। मेरा लक्ष्य सिर्फ बिहार की तस्वीर बदलना है। इस यात्रा के दौरान अगले 100 दिन तक एक करोड़ से अधिक ऐसे युवाओं से मिलेंगे जो बिहार में नए नेतृत्व पर यकीन रखते हों और बिहार को भारत के टॉप 10 राज्यों में देखना चाहते हों। उन्होंने आगे कहा, “बात बिहार की कैंपेन में 2 लाख 93 हजार लड़के हमारे साथ जुड़ चुके हैं। 10 लाख लड़कों को जोड़ने की योजना है।”

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वहीं नीतीश कुमार और अपने बीच के संबंधों को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा, “नीतीश जी से मेरे अच्छे संबंध हैं। मेरे मन में उनके लिए अपार सम्मान है। मैं उनके फैसले पर सवाल नहीं उठाऊंगा। नीतीश जी ने मुझे अपने बेटे की तरह रखा। कई मामलों में मैं भी उनको अपने पिता तुल्य ही मानता हूं। उनका मुझे पार्टी में शामिल करने का, पार्टी से निकालने का जो भी फैसला है उसको मैं सहृदय स्वीकार करता हूं।”

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