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जज लोया मामलाः कांग्रेस का बड़ा आरोप, मामले को सुप्रीम कोर्ट लाने के लिए दायर याचिका के पीछे आरएसएस

जज लोया मामले को लेकर कांग्रेस ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि मामले में दाखिल की गई पहली जनहित याचिका पहले से तय थी और इसे आरएसएस से जुड़े एक व्यक्ति ने दायर की थी।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया जज लोया केस पर बोलते हुए कपिल सिब्बल

कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जज लोया की मौत के मामले में बड़ा दावा किया है। गुरूवार को कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कपिल सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सही कहा है कि जनहित याचिकाओं के पीछे राजनीतिक मकसद होता है। सिब्बल ने कहा कि जज लोया मामले में जो पहली जनहित याचिका दायर की गई थी, वह आरएसएस के एक व्यक्ति के द्वारा दायर की गई थी। याचिका के मकसद पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि याचिका का मकसद था कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच सके।

Published: 26 Apr 2018, 4:36 PM IST

कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया, “जिस व्यक्ति ने ये याचिका दाखिल की थी, वह नागपुर का रहने वाला सूरज लोलगे है, जिसका बीजेपी और आरएसएस से करीबी संबंध है। लोलगे ने निकाय चुनाव में बीजेपी से टिकट लेने की भी कोशिश की थी। हमें दुख है कि इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई।” बता दें कि मुंबई की सीबीआई कोर्ट के जज बीएच लोया की मौत की एसआईटी जांच से जुड़ी सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सिब्बल ने कहा कि अब इस याचिका के दाखिल करने का दो ही मकसद हो सकता है, या तो इस मामले में किसी के खिलाफ कार्रवाई हो या फिर कोई जांच ना हो।

Published: 26 Apr 2018, 4:36 PM IST

कांग्रेस नेता ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ के नाम को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के तौर पर मंजूरी नहीं देने पर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा। कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार की मंशा स्पष्ट है कि वह जस्टिस जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का जज नहीं बनने देंगे। सिब्बल ने कहा, “सरकार कोलेजियम के हिसाब से नहीं चलना चाहती है। हम लगातार कह रहे हैं कि इस सरकार में न्यायपालिका खतरे में है। कानून का प्रावधान है कि सुप्रीम कोर्ट का कोलेजियम जो कहेगा, वही होगा, लेकिन सरकार अपने मन का नहीं होने पर कोलेजियम की सिफारिशों को न सिर्फ नजरअंदाज कर रही है, बल्कि उसे मंजूरी भी नहीं कर रही है।”

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया और अन्य मीडिया माध्यमों में न्यायपालिका के खिलाफ टिप्पणी करने वाले नेताओं और वकीलों के विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई करने की मांग वाली एक जनहित याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। यह याचिका बीजेपी नेता और वकील गौरव भाटिया ने दाखिल की है। शीर्ष अदालत इस याचिका की सुनवाई अगले सप्ताह करेगी।

Published: 26 Apr 2018, 4:36 PM IST

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Published: 26 Apr 2018, 4:36 PM IST

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