देश में पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा है। इस मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने बीजेपी सरकार को घेरते हुए पूछा कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल-डीजल के दाम कम हैं, तो फिर देश में महंगा क्यों बेचा जा रहा है।
प्रो. गौरव वल्लभ ने कहा कि "पेट्रोल और डीजल के दाम हमारे देश में चुनाव की तारीखों से निर्धारित होते हैं। जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें हैं, उससे हमारे यहां कोई फर्क नहीं पड़ता है। मैं कुछ आंकड़े आपके सामने लेकर इसी मुद्दे पर उपस्थित हुआ हूं। सारे आंकड़े भारत सरकार की समिति के हैं। PPAC वह है जहां पेट्रोल, डीजल के सारे आंकड़े दिए जाते हैं। वहां से सारे आंकड़े लाया हूं।"
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कांग्रेस नेता ने कहा कि "जून 2022 से लेकर सितंबर 8, 2022 तक, मतलब तीन महीने के आंकड़ों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 24.14 फीसदी की गिरावट आई है। जो तेल जून 2014 में 116 डॉलर प्रति बैरल था वो 8 सितंबर को 81 डॉलर प्रति बैरल है। भारत सरकार जिस कीमत पर कच्चा तेल खरीद रही है। उसका आंकड़ा मैं आपके सामने दे रहा हूं।"
गौरव वल्लभ ने कहा कि जून से लेकर सितंबर तक 24.14 फिसदी कच्चे तेल की कीमतों में कमी आई है। लेकिन पिछले तीन महीनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में शून्य प्रतिशत की कमी आई है। आप कल्पना कीजिए की अगर 24.14 प्रतिशत कमी के बजाय इसमें बढ़ोतरी हो जाती तो सरकार कहती है कि आज मध्य रात्री 12 बजे से...सवाल यह है कि जब तेल की कीमतों में गिरावट आती है तो यह बयान सरकार के मुख से क्यों सुनाई नहीं देता है?”
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कांग्रेस नेता ने कहा, “जब मई 2014 में कच्चे तेल की कीमत 106.49 डॉलर प्रति बैरल थी उस समय दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 71 रुपये और डीजल की कीमत 55 रुपये प्रति लीटर थी। आज जब कच्चे तेल की कीमत 81 डॉलर प्रति बैरल है और सितंबर 8 का भारत सरकार द्वारा जारी किया गया आंकड़ा पेश कर रहा हूं, इस समय दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये और डीजल की कीमत 90 रुपये के आस पास चल रही है। सवाल ये है कि ऐसा क्यों है मोदी जी?"
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उन्होंने कहा कि ध्यान देने वाली बात यह है कि पेट्रोल और डीजल की 50 फीसदी जो कॉस्ट है वो कच्चे तेल की कीमत है। बाकी जो 50 प्रतिशत है वो सरकार टैक्स लगाती है। अगर हम मान लेते हैं कि 100 रुपये पेट्रोल का भाव है और करीब 50 रुपये कच्चे तेल की कीमत है और कच्चे तेल में 24.14 प्रतिशत की कमी आई है। अगर वो कमी ही सिर्फ लोगों को दे दी जाए तो पेट्रोल के दाम 12.5 से 15 रुपये लीटर कम हो जाएंगे। कच्चे तेल की कीमत में आई कमी किसानों को दे दी जाए तो डीजल के दाम साढ़े बारह से लेकर 17 रुपये प्रति लीटर कम हो जाएंगे। जब भाव अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बढ़ते हैं तो मोदी सरकार एक घंटे की भी देरी नहीं करती। मध्यरात्रि में ही दामों में बढ़ोतरी कर दी जाती है। लेकिन कम होने र दाम नहीं घटाती है”
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