भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने सोमवार को कहा कि भीषण गर्मी का सामना कर रहे राष्ट्रीय राजधानी समेत उत्तर पश्चिम भारत के लोगों को 30 मई के बाद भीषण लू से राहत मिल सकती है।
आईएमडी के महानिदेशक ने ऑनलाइन प्रेस वार्ता में कहा कि उत्तर पश्चिम भारत के हिस्सों में भीषण लू चल रही है और यह अगले तीन दिनों तक जारी रह सकती है, लेकिन 30 मई से इसकी तीव्रता धीरे-धीरे कम होगी, क्योंकि एक पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है।
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उन्होंने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ और अरब सागर से नमी आने के कारण देश के उत्तर पश्चिम और मध्य भागों में गरज के साथ वर्षा होने और पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में बारिश होने की संभावना है, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिल सकती है।
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हालांकि, महापात्र ने यह भी कहा कि यह राहत अस्थायी होगी और जून के महीने में दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान समेत भारत के ज्यादातर हिस्सों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की आशंका है।
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उन्होंने यह भी कहा कि जून में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात के कुछ हिस्सों और उत्तरी मध्य प्रदेश समेत उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य से ज्यादा दिनों तक तेज लू चल सकती है।
महापात्र ने कहा कि उत्तर पश्चिम भारत में जून के महीने में आम तौर पर तीन दिन लू चलती है, लेकिन इस बार इन इलाकों में दो-चार दिन ज्यादा ऐसी स्थिति बन सकती है यानी इन इलाकों में चार से छह दिन भयंकर लू चलने का अनुमान है।
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उन्होंने बताया कि मई के महीने में राजस्थान और गुजरात में नौ से 12 दिन तक लू चली और तापमान 45 से 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
आईएमडी प्रमुख के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर, दक्षिणी हरियाणा, दक्षिण पश्चिम उत्तर प्रदेश और पंजाब में पांच से सात दिन-- 17 से 20 मई और 25-26 मई को लू की स्थिति रही तथा पारा 44-48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।
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महापात्र ने कहा कि मई में दो चरण में लू चली। उन्होंने बताया कि भीषण लू का पहला चरण एक से पांच मई तक रहा और यह मुख्यत: पूर्वी भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप भारत में ही सीमित रहा।
उन्होंने कहा कि दूसरा चरण 16 मई से उत्तर पश्चिम भारत में शुरू हुआ और यह अब तक जारी है और अगले तीन दिन यानी 29 मई रह सकता है।
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