अपने घर को टूटने से बचाने के लिए फरीदाबाद के खोरी गांव के लोगों ने मंगलवार को जंतर-मंतर पहुंचकर प्रदर्शन किया। करीब एक हजार लोग प्रधानमंत्री कार्यालय घेरने की नीयत से यहां जुटे थे। पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता उदित राज भी उनके साथ प्रदर्शन में शामिल हुए। इसी दौरान उन्हें गिफ्तार कर लिया गया। गिफ्तारी के बाद डॉ. उदित राज ने कहा कि 'मेरी गिरफ्तारी तानाशाह मोदी सरकार के खिलाफ जंग का आगाज है। यह जंग गरीब-अमीर की है। यह जंग खोरी गांव के गरीबों और अदानी- अम्बानी के बीच है। मैं आखिरी सांस तक खोरी गांव की लडाई लडूंगा।'
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खोरी गांव के लोग अपना आशियाना बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दया की भीख मांग रहे थे। अपने बच्चों की दुहाई देकर प्रधानमंत्री को याद दिला रहे थे कि उन्होंने नारा दिया था ‘जहां झुग्गी, वहां मकान बनाएंगे’। सीएम मनोहर लाल खट्टर से खफा प्रदर्शनकारी उनके खिलाफ नारे लगा रहे थे। अखिल भारतीय परिसंघ प्रमुख व कांग्रेस नेता डॉ. उदित राज भी खोरी गांव के लोगों के साथ जंतर-मंतर पर मौजूद थे। उन्होंने मनोहर लाल की तरफ इंगित करते हुए कहा कि खोरी वासियों को विस्थापित करने से पहले उनके पुनर्वास की व्यवस्था हरियाणा सरकार को करानी चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ। लोगों ने खून पसीने की कमाई से घर बनाया है। लोगों का पुनर्वास कराए बिना अगर किसी का घर तोड़ा गया तो प्रदर्शन को और तेज किया जाएगा।
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सामाजिक कार्यकर्ता मीनू वर्मा ने कहा कि करोना महामारी की तीसरी लहर आने की प्रबल संभावना है। इस वक्त औरतों, बच्चों को बेघर करना अमानवीय है। अगर बिजली और पानी का कनेक्शन नहीं जुड़ा तो लोग प्यास से मर जाएंगे। उन्होंने बताया कि सरकार अगर नहीं मानी तो तीन दिन बाद फिर जंतर-मंतर का घेराव किया जाएगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने 7 जून को खोरी गांव के करीब 10 हजार मकानों को 6 सप्ताह के भीतर तोड़ने का आदेश दिया है। स्थानीय निवासी अनिल पासवान ने बताया कि खोरी में करीब तीन दशक से लाखों लोग रह रहे हैं। स्थानीय निवासी संजय राज ने बताया कि खोरी गांव में सदियों से राजकीय प्राथमिक विद्यालय, गौशाला, कब्रिस्तान, संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा, करीब 20 मंदिर, 10 मस्जिद, 4 चर्च और एक गुरुद्वारा है। यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब, तमिलनाडु व अन्य राज्यों के प्रवासी मजदूर 170 एकड़ जमीन पर बसर गुजर कर रहे हैं। स्थानीय निवासी संजय चतुर्वेदी ने बताया कि अपना घर तोड़ने की सूचना मिलने से लोग सहमें हैं, कई लोगों ने आत्महत्या भी कर ली है।
प्रदर्शन में राजेश सारथि, गौतम, वीरेंद्र प्रताप सिंह एवं खोरी गांव प्रमुख नरेश जी, हरिओम, फ़िरोज़ आलम, अरूण, सुजाता , अनिल पासवान, दिनेश, मनीष, नरेश चौधरी, रमन सिंह, संजय चतुर्वेदी, विनय, अशलम और दूसरे कई लोग शामिल हुए।
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