प्रदूषण फैलाने के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार फैक्ट्री और कारखानों को चिन्हित किया गया है। जिसमें नोएडा में 84, ग्रेटर नोएडा में 110 और गाजियाबाद में 426 यूनिट प्रदूषण के लिए काफी हद तक जिम्मेदार हैं।
यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जून में आंकड़े जारी किए थे। उसके मुताबिक आंकड़ों में गाजियाबाद की 426 औद्योगिक इकाइयों को रेड जोन के रूप में चिह्नित किया था। नोएडा में ऐसी 84 और ग्रेटर नोएडा में 110 इकाइयां हैं। रेड जोन में आने वाली इकाइयों का मतलब है कि वह सबसे ज्यादा वायुमंडल में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड की अधिकतम मात्रा के लिए जिम्मेदार हैं।
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यूपीपीसीबी के अधिकारियों ने कहा कि उल्लंघन पाए जाने पर जुर्माना लगाकर प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर नियंत्रण रखते हैं, लेकिन वायुमंडल को पूरी तरीके से साफ रखने के लिए ऐसी सभी इकाइयों को दूर स्थानांतरित करना होगा।
जिला प्रशासन के मुताबिक गाजियाबाद एक पुराना औद्योगिक केंद्र है। इसमें अब तक लगभग 1,400 प्रदूषणकारी उद्योगों को शहर की नगरपालिका सीमा से बाहर स्थानांतरित कर दिया गया है। बाकी लोगों को स्वच्छ ईंधन अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए लगातार निगरानी और निरीक्षण किया जाता है।
अगर नोएडा प्राधिकरण की बात करें तो नोएडा प्राधिकरण ने रेड जोन में आने वाली इकाइयों के लिए लाइसेंस जारी करना पूरी तरीके से बंद कर दिया है।
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