देश के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अदालतों में लंबित करोड़ों मामलों के बोझ को देखते हुए जजों के लिए वर्किंग डे में नो लीव का ऐलान कर दिया है। गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और ट्रायल कोर्ट में लंबित करोड़ों मामलों का बोझ जल्द खत्म करने का फैसला लिया है
हाई कोर्ट के किसी जज या निचली अदालत के किसी न्यायिक अधिकारी को आपात स्थिति को छोड़कर वर्किंग डे (कार्य दिवस) में छुट्टी मंजूर न करने पर जोर देने के अलावा जस्टिस गोगोई ने वर्किंग डे पर सेमिनार या आधिकारिक कार्यक्रम से दूर रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि इस वजह से अगले दिन की सुनवाई के दौरान सामने आनेवाले मामलों का वक्त जाया होता है।
खबरों के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ लेने के एक हफ्ते बाद ही जस्टिस गोगोई ने सभी हाई कोर्ट के कॉलेजियम सदस्यों के साथ बातचीत की। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उन्होंने लंबित मामलों में कमी लाने के लिए सख्त कदम उठाने के लिए कहा। जस्टिस गोगोई ने जजों को कड़वे डोज की सलाह के तौर पर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों को उन जजों को न्यायिक कार्य से हटाने के लिए कहा जो अदालती कार्यवाही के दौरान नियमित नहीं है। उन्होंने उन जजों के बारे में बताए जो काम के दौरान अनुशासन की अवहेलना कर रहे हैं।
Published: 12 Oct 2018, 12:22 PM IST
हाई कोर्ट में लंबित मामलों में कमी लाने के लिए सीजेआई ने मुख्य न्यायाधीशों से ऐसे मुकदमों की फाइलें इकट्ठा करने के बाद ऐसे मामले खंगालने को कहा जो एक समयसीमा के बाद निष्प्रभावी हो गए हैं। सीजेआई ने कहा कि अगला कदम उन आपराधिक मामलों की अपील की पहचान होना चाहिए, जिनमें निचली अदालत से सजा होने के बाद आरोपी जेल में बंद हैं। जो मामले 5 या उससे ज्यादा वर्षों से लंबित हैं, उन्हें सुनवाई के लिए फौरन लिस्ट किया जाए।
बता दें कि 3 अक्टूबर को देश के चीफ जस्टिस पद की शपथ लेने के बाद जस्टिस गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और ट्रायल कोर्ट में लंबित करोड़ों मामलों का बोझ हल्का करने के लिए कदम उठाने के संकेत दिए थे।
Published: 12 Oct 2018, 12:22 PM IST
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Published: 12 Oct 2018, 12:22 PM IST