सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को पेगासस मामले पर सुनवाई हुई। सुनवाई में केंद्र सरकार ने साफ कर दिया कि वह इस मामले पर एफिडेविट दाखिल नहीं करने जा रही है। मामले की सुनवाई CJI एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस मुद्दे पर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। CJI रमना ने कहा कि आप बार-बार उसी बात पर वापस जा रहे हैं। हम जानना चाहते हैं कि सरकार क्या कर रही है। हम राष्ट्रीय हित के मुद्दों में नहीं जा रहे हैं। हमारी सीमित चिंता लोगों के के बारे में है। समिति की नियुक्ति कोई मुद्दा नहीं है। हलफनामे का उद्देश्य यह होना चाहिए ताकि पता चले कि आप कहां खड़े हैं। संसद में आपके अपने आईटी मंत्री के बयान के अनुसार कि फोन का तकनीकी विश्लेषण किए बिना आकलन करना मुश्किल है।
Published: 13 Sep 2021, 1:28 PM IST
बता दें कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। पीठ ने कहा था कि वह मामले के सभी पहलुओं को देखने के लिए विशेषज्ञों की समिति बनाने के केंद्र के प्रस्ताव की जांच करेगी। कोर्ट वकील एमएल शर्मा, सीपीएम सांसद जॉन ब्रिटास, पत्रकार एन राम, पूर्व आईआईएम प्रोफेसर जगदीप चोककर, नरेंद्र मिश्रा, परंजॉय गुहा ठाकुरता, रूपेश कुमार सिंह, एसएनएम आब्दी, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया सहित 12 याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। वहीं केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा था कि सुरक्षा कारणों से फोन को इंटरसेप्ट करने के लिए किस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया यह नहीं बताया जा सकता है। इसका सार्वजनिक तौर पर खुलासा नहीं किया जा सकता। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया कि सुरक्षा और सैन्य एजेंसियों द्वारा राष्ट्रविरोधी और आतंकवादी गतिविधियों की जांच के लिए कई तरह के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है।
Published: 13 Sep 2021, 1:28 PM IST
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अन्य ने कहा कि हम भी नहीं चाहते कि सरकार, राज्य की सुरक्षा के बारे में कोई जानकारी दें। अगर पेगासस को एक तकनीक के रूप में इस्तेमाल किया गया तो उन्हें जवाब देना होगा। पीठ ने कहा कि हम चर्चा करेंगे कि क्या करने की जरूरत है। हम गौर करेंगे कि अगर विशेषज्ञों की समिति या कोई अन्य समिति बनाने की जरूरत है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि याचिकाओं में लगाए गए सभी आरोप निराधार और बेबुनियाद है। केंद्र ने कहा था कि विशेषज्ञों की एक कमेटी इस पूरे मामले की जांच करेगी। केंद्र ने अब सुप्रीम कोर्ट में कहा कि स्पाइवेयर पेगासस के कथित इस्तेमाल की जांच की मांग वाली याचिकाओं पर वो एक विस्तृत हलफनामा दाखिल नहीं करने जा रहा है। दो बार समय लेने के बाद केंद्र सरकार ने रुख बदला।
Published: 13 Sep 2021, 1:28 PM IST
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Published: 13 Sep 2021, 1:28 PM IST