बिहार में दारोगा बहाली के लिए ली गई मुख्य परीक्षा के परिणाम को पटना हाई कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने बिहार पुलिस कर्मचारी चयन आयोग को निर्देश दिया है कि सही प्रक्रिया का पूरी तरह पालन करते हुए संशोधित परिणाम निकाला जाए। जस्टिस शिवा जी पांडेय की कोर्ट ने बुधवार को फैसला देते हुए स्पष्ट किया कि यह आदेश मुख्य परीक्षा के लिए है।
बिहार में दारोगा बहाली में कथित अनियमितता और गड़बड़ी को लेकर रिट याचिका पटना हाईकोर्ट में दाखिल की गयी थी, जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। 195 अभ्यर्थियों ने परीक्षा में अनियमितता और गड़बडी का आरोप लगाते हुए रिट याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता चक्रपाणी और राजेश भारद्वाज ने कोर्ट को बताया था कि प्रारंभिक और मुख्य लिखित परीक्षा के परिणाम घोषित करने से पहले आरक्षण के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया है और इन परीक्षा परिणामों में काफी गड़बड़ी की गयी है। प्रारंभिक परीक्षा में पिछड़ी जाति महिला वर्ग से एक भी अभ्यर्थी पास नहीं हुई थी, लेकिन जब मुख्य परीक्षा का परिणाम आया, तो उसमें पिछड़ी जाति की 291 महिला अभ्यर्थियों के नाम शामिल थे।
Published: 31 Oct 2018, 5:49 PM IST
बता दें कि बिहार में दारोगा के 1717 पदों पर बहाली के लिए बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग ने 16 सितंबर, 2017 को विज्ञापन निकाला था। दारोगा की भर्ती के लिए प्रारंभिक परीक्षा 11 और 15 अप्रैल को आयोजित की गयी थी। इसमें कुल 29,352 अभ्यर्थी पास हुए थे। इसके बाद मुख्य परीक्षा 22 जुलाई को हुई थी। इसमें 10,161 अभ्यर्थी पास हुए थे और 18 सितंबर से शारीरिक परीक्षा ली जा रही थी। बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग ने शारीरिक परीक्षा के लिए संभावित तारीख 14 सितंबर रखी थी जिसे बाद में बढ़ा दिया गया था।पटना हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद दारोगा भर्ती की प्रक्रिया में विलंब होने की आशंका है।
Published: 31 Oct 2018, 5:49 PM IST
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Published: 31 Oct 2018, 5:49 PM IST