पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे को देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत बड़ा धक्का बताया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि शायद इस इस्तीफे के बाद केंद्र सरकार की उसती वित्तीय जरूरतें पूरी करने के लिए आरबीआई का कैपिटल रिजर्व हासिल करने की मंशा पूरी नहीं होगी।
सोमवार को देर शाम जारी एक बयान में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि, “मैं डॉ उर्जित पटेल को एक ऊंचे दर्जे के अर्थशास्त्री के तौर पर मानता हूं। वे एक ऐसे व्यक्ति हैं जो भारत की वित्तीय संस्थाओं और आर्थिक नीतियों को लेकर काफी सजग और चिंतित रहते हैं।“ मनमोहन सिंह ने कहा कि उर्जित पटेल का ऐसे समय में इस्तीफा देना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है जब देश की अर्थव्यवस्था कई किस्म के संकटों से दो चार है। उन्होंने पटेल के इस्तीफे को देशकी अर्थव्यवस्था के लिए बहुत बड़ा झटका बताया।
उन्होंने कहा कि, “आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने पहले इस बारे में आशंका जताई थी कि सरकार आरबीआई के कैपिटल रिजर्व पर आक्रमण करना चाहती है ताकि वह अपनी वित्तीय जरूरतें पूरी कर सके।” उन्होंने कहा कि,”मैं उम्मीद करता हूं कि यह आशंका सच साबित न हो।“
मनमोहन सिंह ने कहा कि, “संस्थाएं बनाने में लंबा वक्त और कोशिशें लगती हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ एक सनक में किया जा सकता है। आरबीआई जैसी संस्थाएं ही हैं जिन्होंने स्वतंत्रता के वक्त से अब तक देश की प्रगति में एक बुंलद इमारत की तरह योगदान दिया है। ऐसे संस्थानों को मामूली से राजनीतिक फायदों के लिए कमजोर करना उजड्डपन के अलावा कुछ नहीं।”
डॉ मनमोहन सिंह ने उर्जित पटेल को उनके भविष्य के लिए शुमकामनाएं देते हुए कहा है कि, “मुझे आशा करता हूं कि उर्जित पटेल का अचानक इस्तीफा देश की 3 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था की बुनियाद रहे संस्थानों की नींव कमजोर करने की शुरुआत साबित नहीं होगी।“
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