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संसद की सुरक्षा में चूक: दिल्ली पुलिस ने यूएपीए के तहत दर्ज किया केस, जानें UAPA की धारा 16 और 18 में क्या है

दरअसल, यूएपीए की धारा 16 में आतंकवादी कृत्य को परिभाषित किया गया है और इसमें आतंकी घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के लिए सजा का प्रावधान है।

दिल्ली पुलिस ने यूएपीए के तहत दर्ज किया केस
दिल्ली पुलिस ने यूएपीए के तहत दर्ज किया केस 

दिल्ली पुलिस ने संसद की सुरक्षा के उल्लंघन में फंसे व्यक्तियों के खिलाफ यूएपीए और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की है, इसमें अतिक्रमण और आपराधिक साजिश के आरोप भी शामिल हैं।

सूत्र बताते हैं कि पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले में धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 452 (अतिक्रमण), 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 186 (लोक सेवकों को सार्वजनिक कार्यों में बाधा डालना) और आईपीसी की धारा 353 (लोक सेवकों को ड्यूटी से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल), साथ ही यूएपीए की धारा 16 और 18 शामिल हैं।

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जांच अब स्पेशल सेल को सौंपी जा रही है। गिरफ्तार किए गए चार लोगों में मैसूर के मनोरंजन डी., लखनऊ के सागर शर्मा, हरियाणा के जिंद की नीलम और महाराष्ट्र के लातूर के अमोल शिंदे शामिल हैं। पुलिस विक्रम उर्फ विक्की शर्मा और उसकी पत्नी से पूछताछ कर रही है, जिसे गुरुग्राम के सेक्टर 7 से पकड़ा गया है। छठे आरोपी बिहार के ललित झा की तलाश की जा रही है, जो फिलहाल सुरक्षा एजेंसियों से बच रहा है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह भी पता चला कि मनोरंजन और शर्मा के पास 45 मिनट के लिए आगंतुक पास थे, लेकिन वे करीब दो घंटे तक दर्शक दीर्घा में रहे।

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दोनों ने दर्शक दीर्घा से लोकसभा हॉल में प्रवेश किया था। कर्नाटक के इंजीनियरिंग छात्र मनोरंजन और शर्मा ने कर्नाटक के मैसूरु से बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा की सिफारिश पर अपना विजिटर पास जारी करवाया। नीलम और शिंदे संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

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यूएपीए की धारा 16 और 18 में क्या है

दरअसल, यूएपीए की धारा 16 में आतंकवादी कृत्य को परिभाषित किया गया है और इसमें आतंकी घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के लिए सजा का प्रावधान है। पहले बात करते हैं यूएपीए की धारा 16 की। इस धारा में आतंकी कृत्य के लिए सजा का प्रावधान है। जो कोई आतंकवादी कृत्य करेगा उसमें किसी की जान चली जाती है तो आरोपी को मृत्युदंड या आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा हो सकती है। वहीं किसी अन्य मामले में कारावास की सजा होगी, जिसकी अवधि पांच वर्ष से कम नहीं होगी, मगर जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

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यूएपीए की धारा 18 में क्या है:

जो कोई किसी आतंकवादी कृत्य की साजिश रचता है या करने का प्रयास करता है, या उसकी वकालत करता है, उकसाता है, सलाह देता है या किसी आतंकवादी कृत्य या किसी आतंकवादी कृत्य के लिए तैयारी करने वाले किसी भी कार्य को एक अवधि के लिए उकसाता है, सीधे या जानबूझकर सुविधा प्रदान करता है उसे कारावास से दंडित किया जाएगा। सजा की अवधि पांच वर्ष से कम नहीं होगी, जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है, और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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