दिग्गज अकाली नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने सूबे के तमाम सियासी दलों से आह्वान किया है कि वह आपस में लड़ना बंद करके एकजुट होकर केंद्र के खिलाफ लड़ाई लड़ें। बादल ने यह आह्वान बीएसएफ का दायरा बढ़ाने के केंद्र के फैसले के संदर्भ में किया है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाना दरअसल देश के संघीय ढांचे पर एक और हमला है। केंद्र के इस फैसले से राज्य सरकार का दर्जा नगरपालिका के बराबर हो जाएगा। यह पंजाबियों के गौरव और गरिमा के लिए गंभीर और बड़े आघात जैसा है।
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बीएसएफ के अधिकार में लगभग आधे पंजाब को कर देने को एक खतरनाक कदम करार देते हुए प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि यह उस समय की याद दिलाता है जब पंजाब को अशांत क्षेत्र घोषित किया गया था और बीएसएफ को व्यापक शक्तियां देकर केंद्र ने पंजाब पुलिस को पूरी तरह से अप्रसांगिक बना दिया था। अब भी ऐसा किया जा रहा है।
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अकाली दल सपरस्त ने कहा कि लगता है, हम उसी अंधकार युग में वापस आ गए हैं। वैध आदेश या पूर्व सूचना के बिना सुरक्षा बलों द्वारा घरों की तलाशी लेने पर आम लोग अपनी शिकायतों के लिए स्थानीय नेताओं या अधिकारियों के पास नहीं जा सकेंगे। बादल ने कहा कि विपक्षी पार्टियां आपस में लड़ना बंद करें ताकि केंद्र इसका फायदा ना उठा पाए। कल हम सभी पछताएंगे क्योंकि हमारे पास लोगों की समस्याएं सुलझाने के लिए कोई शक्ति ही नहीं बचेगी।
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प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि केंद्र किसानों के आंदोलन को कुचलने की साजिश रच रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह गलती हरगिज न करें और पुरानी गलतियां भी न दोहराएं। प्रकाश सिंह बादल ने कुंडली सीमा पर तरनतारन के युवक लखबीर सिंह की नृशंस हत्या की भी कड़ी निंदा की और कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
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