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पेरिस ओलंपिकः विनेश मामले पर खेल मंत्री ने लोकसभा में दिया बयान, विपक्ष ने विरोध में किया वॉकआउट

मंडाविया जब विनेश फोगाट को सरकार की तरफ से दी गई वित्तीय सहायता की जानकारी दे रहे थे, तभी विपक्षी सांसदों ने खड़े होकर विरोध करना शुरू कर दिया। वे विनेश के साथ पहले किए गए व्यवहार को लेकर नारेबाजी करने लगे और सरकार पर ठोस कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया।

विनेश मामले पर खेल मंत्री ने लोकसभा में दिया बयान, विपक्ष ने विरोध में किया वॉकआउट
विनेश मामले पर खेल मंत्री ने लोकसभा में दिया बयान, विपक्ष ने विरोध में किया वॉकआउट फोटोः सोशल मीडिया

भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक से डिस्क्वालिफाई करने के मामले पर मचे हंगामे के बीच केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को लोकसभा में बयान दिया। लेकिन कांग्रेस, टीएमसी और सपा सहित अन्य कई विपक्षी दलों के सांसदों ने इस मामले में सरकार पर ठोस कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया और विरोध में सदन से वाकआउट कर दिया।

केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने विनेश फोगाट मामले में सदन को बताया कि भारतीय रेसलर विनेश फोगाट को तय कैटेगरी में ज्यादा वजन (100 ग्राम) होने की वजह से पेरिस ओलिंपिक से बाहर होना पड़ा है। विनेश 50 किलोग्राम की कैटेगरी में खेल रही थी। स्पर्धा के लिए विनेश का वजन 50 किग्रा होना अनिवार्य था। अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती संघ के नियमों के अनुसार, सभी प्रतियोगिताओं के लिए, संबंधित श्रेणी के लिए प्रत्येक सुबह वजन-माप का आयोजन किया जाता है।

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मंडाविया ने कहा, अनुच्छेद-11 के अनुसार, 'यदि कोई एथलीट वजन-माप (प्रथम अथवा द्वितीय) में भाग नहीं लेता है अथवा असफल हो जाता है, तो उसे प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाएगा और बिना किसी रैंक के अंतिम स्थान पर रखा जाएगा।' उन्होंने बताया कि 7 अगस्त 2024 को, 50 किग्रा महिला कुश्ती के लिए वजन का निर्धारण पेरिस समय के अनुसार 7:15 और 7:30 रेपेचेज और फाइनल में भाग लेने वाले पहलवानों के लिए किया गया था। विनेश का वजन 50 किलो 100 ग्राम पाया गया। इसलिए, वे स्पर्धा के लिए अयोग्य घोषित कर दी गई। इस मामले को लेकर भारतीय ओलंपिक संघ ने अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती संघ से कड़ा विरोध दर्ज किया है।

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खेल मंत्री ने सदन को बताया कि जहां तक उनकी तैयारी हेतु सहायता का प्रश्न है, भारत सरकार ने विनेश फोगाट की उनकी आवश्यकता के अनुसार हरसंभव सहायता प्रदान की है। उनके लिए पर्सनल स्टाफ भी नियुक्त किए गए हैं, जो अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं। उनके साथ हंगरी के विख्यात कोच वोलेर अकोस और फिजियो अश्विनी पाटिल हमेशा रहते हैं। उनको ओलंपिक के लिए इनके अतिरिक्त व्यक्तिगत सहायक स्टाफ जैसे विभिन्न स्पारिंग पार्टनर्स, स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग विशेषज्ञ के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इनको पेरिस ओलंपिक चक्र के लिए सरकार की तरफ से कुल 70 लाख 45 हजार और 775 रुपए की वित्तीय सहायता दी गई। मंत्री ने इसका पूरा विवरण भी सदन के सामने रखा।

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मनसुख मंडाविया जब विनेश फोगाट को सरकार की तरफ से वित्तीय सहायता देने की जानकारी दे रहे थे, उस समय विपक्षी सांसदों ने खड़े होकर विरोध करना शुरू कर दिया। वे विनेश फोगाट के साथ पहले किए गए व्यवहार को लेकर नारेबाजी करने लगे। विपक्षी बेंच की तरफ से इस मामले में सरकार पर ठोस कदम नहीं उठाने का आरोप भी लगाया गया। लेकिन, नियमों का हवाला देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया। खेल मंत्री के बयान से असंतुष्ट कांग्रेस, टीएमसी और सपा सहित अन्य कई विपक्षी दलों के सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया।

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विनेश मंगलवार को 3 मुकाबले जीतकर 50 किलोग्राम रेसलिंग ओलिंपिक के फाइनल में पहुंचने वालीं पहली भारतीय महिला रेसलर बनी थीं। सेमीफाइनल में उन्होंने क्यूबा की पहलवान गुजमान लोपेजी को, क्वार्टरफाइनल में यूक्रेन की ओकसाना लिवाच और प्री-क्वार्टरफाइनल में वर्ल्ड चैंपियन जापान की युई सुसाकी को 3-2 से मात दी थी। उन्हें बुधवार की रात गोल्ड मेडल के लिए अमेरिकी रेसलर सारा एन हिल्डरब्रांट से मुकाबला करना था, लेकिन आज मुकाबले से पहले वजन लेने के दौरान भार वर्ग से 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।

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