उत्तराखंड में डेंगू के बढ़ते मामलों ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। आलम यह है कि राज्य में अब तक 1130 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। राज्य के स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तक पूरे प्रदेश में 1130 डेंगू के मामले सामने आए हैं। 257 मामले सक्रिय हैं। उन्होंने बताया कि सभी अस्पतालों में हमने जरूरी निर्देश दे दिए हैं। देहरादून में हमने डेंगू सूक्ष्म प्रबंधन योजना बनाया है। हम लोगों ने रोकथाम क्षेत्र रणनीति बनाई है और यहां पर जाकर हमारे अधिकारी 100 फीसदी सैचुरेशन करेंगे। हमारा मकसद है कि हम हर घर को सैचुरेट करें। हम जल्द से जल्द 100 फीसदी सैचुरेट करेंगे।
डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच राज्य सचिवालय में स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने डेंगू नियंत्रण समीक्षा बैठक की। अन्य जिलों के मुकाबले देहरादून में डेंगू के ज्यादा मामले देखने में सामने आ रहे हैं। सचिव स्वास्थ्य ने इसको लेकर जिलाधिकारी सोनिका से पूरा फीडबैक लिया। डेंगू के हॉट स्पाट बन रहे इलाकों को लेकर भी बैठक में बात हुई।
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समीक्षा बैठक में तय किया गया कि सभी विभागों के सामूहिक प्रयासों से अगले चार दिन देहरादून जिले में डेंगू को लेकर महाअभियान चलाया जाएगा। जिले में चिकित्सा अधिकारी और आशाओं को घर-घर जन जागरूकता की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। चिकित्सा अधिकारी, आशा कार्यकर्ता और अन्य विभागों की टीम घर-घर जागकर लोगों को डेंगू को लेकर जागरूक करेंगी साथ ही अगर कहीं डेंगू का लार्वा है तो उसको नष्ट करने का काम भी करेंगी। इसके साथ ही आम जनमानस को डेंगू को लेकर कोई जानकारी लेना चाहे तो चिकित्सा अधिकारी उसको देने का काम करेंगे।
इस वर्चुवल बैठक में जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा आशुतोष सयाना, मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून डॉ.संजय जैन, निदेशक राज्य संचरण परिषद डॉ.अजय नगरकर, कार्यक्रम अधिकारी एनएचएम डॉ. पंकज सिंह सहित जनपद देहरादून के नगर स्वास्थ्य अधिकारी तथा अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।
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बुखार: डेंगू के लक्षणों में सबसे पहले बुखार होता है। अचानत तेज बुखार होता है। बुखार के साथ ठंड भी लगती है।
शरीर में दर्द: डेंगू के संक्रमित व्यक्ति को जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द हो सकता है, जिससे व्यक्ति को कमजोरी और अस्वस्थता का अहसास हो सकता है।
सिरदर्द: डेंगू में सिरदर्द भी होता है और कई बार यह बहुत तकलीफदेह हो सकता है।
चक्कर आना: डेंगू में व्यक्ति को चक्कर आने और उलझन की भी समस्या हो सकती है।
खांसी और जुखाम: कुछ लोगों में खांसी और जुखाम की समस्या भी हो सकती है, जिसे डेंगू के एक लक्षण के रूप में देखा जा सकता है।
नाक या गले में सूजन: कुछ लोगों में नाक और गले में सूजन की समस्या हो सकती है।
यह सारे लक्षण आमतौर पर संक्रमित मच्छर के काटने के लगभग 4 से 10 दिन बाद दिखाई देते हैं। अगर आपको इन लक्षणों का अनुभव हो और डेंगू के संभावित लक्षण दिखाई दें तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि डेंगू गंभीर बीमारी हो सकती है और इसका समय पर उपचार करना जरूरी होता है।
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